“IAS के सपनों पर ठगी का ताला : कोचिंग सेंटर के नाम पर 18 लाख की ठगी, डायरेक्टर गिरफ्तार – पत्नी फरार”

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर/भिलाई। राजधानी रायपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के नाम पर युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने वाला फिर एक और बड़ा कोचिंग घोटाला उजागर हुआ है। कौटिल्य एकेडमी (Kautilya Academy) के डायरेक्टर पवन टांडेश्वर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी रूबी मजूमदार के साथ मिलकर 19 छात्रों से 18 लाख रुपये से अधिक की ठगी की, और फिर कोचिंग बंद कर फरार हो गया।
सरस्वती नगर थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी (Fraud) का मामला दर्ज किया है। फिलहाल पवन को न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है, जबकि उसकी पत्नी रूबी अब भी फरार बताई जा रही है।
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💰 “IAS का सपना दिखाकर लाखों हड़पे”
जानकारी के अनुसार, रायपुर के पंडरी इलाके में कौटिल्य एकेडमी नामक कोचिंग संचालित की जा रही थी, जहाँ UPSC और PSC परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती थी।
पवन टांडेश्वर और उसकी पत्नी रूबी मजूमदार ने “चयन की गारंटी” और “सर्वश्रेष्ठ फैकल्टी” का झांसा देकर छात्रों से लाखों की फीस वसूली।
कुछ महीनों तक क्लास चलने के बाद कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिया गया। जब छात्रों ने रिफंड की मांग की, तो उनके फोन नंबर ब्लॉक कर दिए गए।
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📅 “पुलिस में शिकायत, फिर खुला ठगी का जाल”
25 नवंबर 2024 को पीड़ित छात्रों ने सरस्वती नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि 19 छात्रों से कुल ₹18,03,105 जमा करवाए गए थे।
पवन टांडेश्वर ने सिर्फ छात्रों ही नहीं, बल्कि फैकल्टी को भी धोखा दिया। जिन शिक्षकों को सैलरी के लिए चेक दिए गए थे, वे बाउंस हो गए। कई फैकल्टी मेंबर्स ने भी अलग-अलग थानों में शिकायत दर्ज कराई है।
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⚖️ “पुलिस ने की गिरफ्तारी, पत्नी की तलाश जारी”
पुलिस ने पवन टांडेश्वर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
फिलहाल उसकी पत्नी रूबी मजूमदार फरार है। पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है और जल्द ही उसे भी पकड़ा जाएगा।
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🧩 “रायपुर-भिलाई में बढ़ रहा ‘एजुकेशनल फ्रॉड’ का नेटवर्क”
यह मामला रायपुर-भिलाई क्षेत्र में फैले उन फर्जी कोचिंग और करियर इंस्टिट्यूट्स की हकीकत उजागर करता है, जो बिना योग्यता के IAS, IPS, सरकारी नौकरी का सपना बेचते हैं।
कई संस्थान तो अब “ड्रीम-बिल्डर”, “सक्सेस गुरुकुल”, “स्पार्क इंस्टिट्यूट” जैसे आकर्षक नामों से छात्रों को भ्रमित कर रहे हैं।
विशेष बात यह है कि ठगे गए छात्र अक्सर बदनामी और करियर पर असर पड़ने के डर से शिकायत नहीं करते, और यही इन कोचिंग माफियाओं का सबसे बड़ा हथियार बन जाता है।
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🗣️ पुलिस की अपील
पुलिस ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि किसी भी कोचिंग या करियर इंस्टिट्यूट में एडमिशन लेने से पहले उनकी रजिस्ट्रेशन, योग्यता, अनुभव और साख की जांच अवश्य करें।
साथ ही अगर किसी संस्थान द्वारा ठगी या धोखाधड़ी की जाती है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
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🔍 “IAS के सपनों को बेचने वाले फर्जी ‘गुरुओं’ पर अब शिकंजा जरूरी”
इस घटना ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि शिक्षा के नाम पर चल रहा यह व्यवसाय आखिर किस दिशा में जा रहा है?
छात्रों का भरोसा और करियर दोनों दांव पर लग रहे हैं, और जरूरत है कि ऐसे फर्जी कोचिंग माफियाओं पर नकेल कसी जाए — ताकि किसी का सपना IAS बनने से पहले ठगी में न टूटे।