रायगढ़ में सिर कटा… के तर्ज पर पूंजीपथरा में भी मिली थी ‘कफन डली अर्थी’ — देखें वीडियो,, जानें पूरा मामला!!

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
शहर में एक बार फिर अजीबोगरीब और सनसनीखेज घटनाओं ने लोगों के दिलों में डर और दहशत पैदा कर दी है।
कोतरा रोड क्षेत्र में सड़क पर रखे गए कटी सिर वाले पुतले और उसके पास मिले नारियल व लाल रंग के निशानों ने तंत्र-मंत्र की चर्चा को हवा दी है।
अब उसी तरह की घटना की याद ताज़ा हो रही है जो कुछ दिन पहले पूंजीपथरा क्षेत्र में सामने आई थी, जहाँ मिट्टी से बने एक मानव रूपी पुतले को कपास और कफन में लपेटकर अर्थी के रूप में रखा गया था।
दोनों घटनाओं में रहस्य एक जैसा है — कोई निशान नहीं, कोई गवाह नहीं, बस दहशत और चर्चा।

क्षेत्र में दहशत, सोशल मीडिया पर हड़कंप
16 अक्टूबर की रात रायगढ़ के कोतरा रोड स्थित दशरथ पान ठेला के पास सड़क के बीचोंबीच रखा गया इंसानी पुतले का कटा सिर देखकर सुबह के समय लोगों की रूह कांप गई।
सिर के चारों ओर लाल रंग के धब्बे और पास रखा नारियल देखकर लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
कुछ ही मिनटों में इस विचलित कर देने वाले दृश्य का वीडियो वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर किसी ने लिखा —
> “क्या रायगढ़ में काला जादू चल रहा है या किसी की धमकी देने का तरीका?”
दूसरे ने लिखा —
> “यह किसी डराने या भ्रम फैलाने की कोशिश है, पुलिस को तुरंत जांच करनी चाहिए।”
पूंजीपथरा में भी हुआ था अजीब ‘तांत्रिक’ कृत्य
इसी तरह की रहस्यमयी घटना कुछ दिन पहले पूंजीपथरा थाना क्षेत्र में हुई थी।
वहाँ ग्रामीणों ने एक सुनसान झाड़ियों वाली जगह पर मिट्टी से बना एक मानव पुतला देखा था, जिन्हें कपास और कफन जैसी सफेद कपड़े में लपेटकर अर्थी के रूप में रखा गया था।
लोगों ने इसे देखकर पहले तंत्र-मंत्र का मामला माना और खबर फैलते ही पूंजीपथरा पुलिस मौके पर पहुंची।
जांच में किसी तांत्रिक या धार्मिक गतिविधि के प्रमाण नहीं मिले, जिससे यह आशंका जताई गई कि यह या तो किसी डर फैलाने की शरारत थी या सोशल मीडिया के लिए बनाई गई “रील” का हिस्सा।
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क्या है इन घटनाओं का मकसद?
दोनों ही मामलों में एक बात समान है —
रात के अंधेरे में की गई रहस्यमय हरकत,
धार्मिक या तांत्रिक प्रतीक जैसी वस्तुएं (नारियल, लाल निशान, कपास, कफन),
और सुबह होते ही वायरल वीडियो।

इससे अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या कोई क्षेत्र में भय फैलाने या “कॉन्टेंट” बनाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहा है?
या वाकई किसी तांत्रिक प्रयोग का सिलसिला चल रहा है?
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पुलिस जांच में जुटी, CCTV खंगाले जा रहे
कोतरारोड़ थाना प्रभारी ने बताया कि सड़क पर रखे गए पुतले और नारियल को बरामद कर लिया गया है।
पुलिस आसपास के CCTV फुटेज खंगाल रही है ताकि रात के दौरान वहां कौन आया था, इसका सुराग मिल सके।
वहीं पूंजीपथरा पुलिस ने बताया कि पिछली घटना के वीडियो और फोटो जांच में लिए गए रहे।
> “फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ये कृत्य तंत्र-मंत्र से जुड़ा है या किसी सोशल मीडिया ट्रेंड का हिस्सा।
हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं।”

स्थानीयों में बढ़ा भय और जिज्ञासा
इन घटनाओं के बाद शहर और आसपास के गांवों में अंधविश्वास और भय का माहौल है।
कई लोग मानते हैं कि यह किसी “काला जादू” का हिस्सा है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि यह सोशल मीडिया पर ध्यान खींचने की नई “रील कल्चर” की उपज है।
> “अब लोग डर भी रहे हैं और हंस भी रहे हैं — कुछ इसे भूत-प्रेत मान रहे, कुछ मज़ाक।”
— स्थानीय दुकानदार, कोतरा रोड।

विशेषज्ञों की राय
समाजशास्त्रियों और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की हरकतें भले ही मज़ाक या पब्लिसिटी के लिए की जाएं, लेकिन इनसे समाज में भय और अंधविश्वास फैलता है।
> “ऐसे मामलों में पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई व्यक्ति धार्मिक या तांत्रिक प्रतीकों का दुरुपयोग कर माहौल न बिगाड़े।”
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क्या यह नया ‘रील ट्रेंड’ बन रहा है?
बीते कुछ महीनों में देश के कई शहरों में सड़क किनारे रखे पुतलों, नकली शवों और “काले जादू जैसे सीन” बनाकर शॉर्ट वीडियो (Reels) बनाए जाने के मामले सामने आए हैं।
ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज बटोरते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह डर और अफवाहों की वजह बनते हैं।
रायगढ़ में भी ऐसा ही कोई ट्रेंड शुरू तो नहीं हो गया — यह अब पुलिस जांच का अहम हिस्सा है।
रायगढ़ और पूंजीपथरा की ये घटनाएँ केवल “अंधविश्वास” या “रील कल्चर” का मामला नहीं, बल्कि समाज के मानसिक और सांस्कृतिक असंतुलन का संकेत भी देती हैं।
शासन और पुलिस को जहाँ एक ओर कड़ी निगरानी रखनी होगी, वहीं नागरिकों को भी अफवाहों से बचने और सच्चाई का इंतज़ार करने की ज़रूरत है।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट