खरसिया का चोढ़ा चौक बना मौत का चौराहा: तेज रफ्तार ने ली एक और जान, सुरक्षा इंतज़ाम नदारद

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम खरसिया। शहर का सबसे व्यस्त चौराहा — चोड़ा चौक — शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हादसे की चीखों से गूंज उठा। तेज रफ्तार बाइक और स्कूटी के बीच हुई भयंकर टक्कर में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि स्कूटी सवार वरुण डनसेना बाल-बाल बच गया। हादसे के बाद चौक पर अफरा-तफरी का माहौल रहा और लोगों ने फिर एक बार प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए।
सुबह 8 बजे हुआ दर्दनाक हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 8 बजे स्कूटी (नंबर CG 13 BB 9771) पर सवार वरुण डनसेना, निवासी भालूनारा, किसी कार्य से चोड़ा चौक की ओर जा रहा था। तभी रायगढ़ की दिशा से आ रही तेज रफ्तार बाइक (CG 12 BT 2892) ने स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
मृतक की शिनाख्त फिलहाल नहीं हो सकी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि युवक की उम्र करीब 20 से 25 वर्ष के बीच होगी। बाइक का नंबर कोरबा क्षेत्र का होने के चलते यह आशंका जताई जा रही है कि मृतक वहीं का निवासी हो सकता है।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और खरसिया सिविल अस्पताल भेज दिया। वहीं, दुर्घटना की जांच जारी है।
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“हर महीने हादसा, फिर भी नहीं सुधरे हालात”
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चोड़ा चौक अब “मौत का चौक” बन चुका है। यह खरसिया का सबसे व्यस्त इलाका है, जहां से दिनभर सैकड़ों वाहन गुजरते हैं, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप है।
> “ना ट्रैफिक सिग्नल है, ना पुलिस की मौजूदगी। चौक पर हर महीने हादसे होते हैं, फिर भी प्रशासन नींद में है।”
— स्थानीय नागरिक ने नाराज़गी जताई।
लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से मांग की गई कि यहां ट्रैफिक लाइट, डिवाइडर या चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। नतीजा यह है कि अब यह चौक ‘एक्सीडेंट ज़ोन’ के नाम से जाना जाने लगा है।

सुरक्षा इंतज़ामों की खुली पोल
खरसिया नगर में लगातार हो रहे सड़क हादसे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नगर प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की निगरानी बेहद कमजोर है। चोड़ा चौक, जहां से स्कूल जाने वाले बच्चे, कार्यालयीन कर्मचारी और व्यापारियों का रोजाना आवागमन होता है, वहां न तो किसी प्रकार का ट्रैफिक संकेत है, न ही गति नियंत्रण के लिए स्पीड ब्रेकर।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दुर्घटनाएं सिर्फ वाहन चालकों की गलती नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की नाकामी का भी परिणाम हैं।
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स्थानीय लोगों ने की सुरक्षा व्यवस्था की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की है।
लोग चाहते हैं कि चोड़ा चौक पर —
ट्रैफिक लाइट की व्यवस्था की जाए,
सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं,
और हर व्यस्त समय पर पुलिस की ड्यूटी अनिवार्य की जाए।
> “अब वक्त आ गया है कि चौक को सुरक्षित बनाया जाए, वरना ये मौत का चौराहा बनकर और कई घरों के चिराग बुझा देगा।”
— स्थानीय व्यापारी ने कहा।

प्रशासन के लिए सवाल
आखिर कितने हादसों के बाद प्रशासन जागेगा?
क्या किसी जान के चले जाने के बाद ही सड़क सुरक्षा पर कदम उठाए जाएंगे?
खरसिया जैसे विकसित होते नगर में यदि एक प्रमुख चौक पर भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, तो छोटे कस्बों की स्थिति का अंदाज़ा खुद लगाया जा सकता है।