औद्योगिक हादसों का काला सिलसिला: श्रम न्यायालय की सख्त चेतावनी, NTPC लारा समेत पांच कारखानों पर 8.83 लाख का भारी जुर्माना
एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 16 अक्टूबर 2025 : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में औद्योगिक दुर्घटनाओं का ग्राफ रुकने का नाम नहीं ले रहा। हर महीने किसी न किसी कारखाने से मजदूरों की चीख-पुकार गूंजती है—कभी किसी की जान चली जाती है, तो कभी कोई गंभीर रूप से जख्मी होकर अस्पताल पहुंचता है। इस लापरवाही के खिलाफ अब श्रम न्यायालय ने कमर कस ली है। कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों का घोर उल्लंघन पाए जाने पर अदालत ने जिले के प्रमुख उद्योग—एनटीपीसी लिमिटेड लारा, मां मंगला इस्पात, शंभावी इस्पात, मां मणी आयरन एंड स्टील तथा एनआर इस्पात—पर कुल 8 लाख 83 हजार रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोंक दिया है। यह फैसला न केवल उद्योगपतियों के लिए आर्थिक झटका है, बल्कि मजदूरों की जानमाल की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश भी।
सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाने वालों पर अदालत का हथौड़ा
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने इन सभी मामलों में गहन जांच की। हादसों के पीछे सुरक्षा उपकरणों की कमी, अपर्याप्त प्रशिक्षण और कारखाना अधिनियम के खुलेआम उल्लंघन का खुलासा हुआ। विभाग के उपसंचालक राहुल पटेल ने बताया, “ये जुर्माने जुलाई से जनवरी 2025 तक दायर विभिन्न प्रकरणों पर आधारित हैं। हमारी टीम हर हादसे की बारीकी से पड़ताल करती है और दोषी उद्योगों के खिलाफ तुरंत आपराधिक केस दर्ज कराती है। श्रम न्यायालय ने इस बार कोई ढील नहीं बरती।” पटेल का यह बयान जिले के औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव की उम्मीद जगाता है, जहां पिछले एक साल में दर्जनों हादसे दर्ज हो चुके हैं।
प्रकरणवार जुर्माने: कौन कितना दंडित?
श्रम न्यायालय के फैसले की बारीकियां देखिए—यह न केवल आंकड़ों का खेल है, बल्कि लापरवाही की हद को दर्शाता है:
| उद्योग का नाम | प्रकरण की तारीख | उल्लंघन का विवरण | जुर्माना (रुपये में) |
|——————————-|———————–|———————————-|———————|
| मां मंगला इस्पात कंपनी | जुलाई 2025 | सुरक्षा मानकों का पूर्ण उल्लंघन | 2,40,000 |
| शंभावी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड | 4 दिसंबर 2024 & 17 जनवरी 2025 | दोहरे हादसों में लापरवाही | 1,65,000 |
| मां मणी आयरन एंड स्टील कंपनी | जुलाई 2025 | घातक सुरक्षा चूक | 4,20,000 |
| एनटीपीसी लिमिटेड लारा | अप्रैल 2025 | बुनियादी सुरक्षा उपेक्षा | 50,000 |
| एनआर इस्पात | (विवरणानुसार) | मामूली लेकिन सिद्ध उल्लंघन | 8,000 |
| कुल | – | – | 8,83,000 |
सबसे अधिक जुर्माना मां मणी आयरन एंड स्टील पर लगा, जहां जुलाई में हुए हादसे में मजदूरों की जान पर बन आई थी। वहीं, राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज एनटीपीसी लारा को भी 50 हजार का दंड मिला, जो उनकी कथित ‘सुरक्षा प्रतिबद्धता‘ पर सवाल खड़ा करता है।
ताजा हादसा: एक और मजदूर की मौत, दोषियों पर केस दर्ज
यह जुर्माना अभी खत्म नहीं हुआ। गुरुवार को ही मेसर्स अग्रोहा स्टील एंड पावर लिमिटेड में 24 नवंबर 2024 को हुए भयावह हादसे की जांच पूरी हुई। एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई। उपसंचालक राहुल पटेल ने कंपनी के अधिभोगी उत्तम कुमार अग्रवाल और कारखाना प्रबंधक वीर विक्रम सिंह के खिलाफ श्रम न्यायालय में आपराधिक प्रकरण दायर कर दिया। पटेल ने कहा, “यह मौत दुखद है, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच में पाया गया कि बेसिक सेफ्टी गियर की कमी थी।”
जिले का काला सच: हादसों का अंतहीन चक्र
रायगढ़, जो कभी ‘इस्पात नगरी’ के नाम से जाना जाता था, आज ‘मजदूरों का कब्रिस्तान‘ बनता जा रहा है। पिछले 12 महीनों में 30 से अधिक औद्योगिक हादसे दर्ज, जिनमें 5 मौतें और दर्जनों घायल। कारण? सुरक्षा मानकों की अनदेखी, सस्ते मजदूरों का शोषण और मुनाफे का लालच। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उद्योगपति कारखाना अधिनियम के प्रावधानों—जैसे हेलमेट, ग्लव्स, फायर सेफ्टी और रेगुलर ट्रेनिंग—का पालन करें, तो 80% हादसे रुक सकते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि जुर्माने के बावजूद लापरवाही जारी है।
सख्ती जरूरी, लेकिन जागरूकता भी
श्रम न्यायालय का यह फैसला स्वागतयोग्य है, पर वरिष्ठ पत्रकार के नाते मैं कहूंगा—यह शुरुआत मात्र है। सरकार को नियमित ऑडिट, मजदूर यूनियनों को मजबूत करने और जुर्माने की राशि को हादसे रोकने के फंड में लगाने का प्रावधान करना चाहिए। उद्योगपतियों से अपील: मुनाफे से पहले मजदूर की जान! राहुल पटेल जैसे अधिकारी सराहनीय कार्य कर रहे हैं, लेकिन पूरे सिस्टम को एकजुट होना होगा। अन्यथा, अगला हादसा कल हो सकता है।
रायगढ़ के मजदूर भाइयों-बहनों, आपकी आवाज दबने न पाए। सुरक्षा आपका हक है!