तमनार पुलिस की बड़ी कामयाबी: छह माह से फरार गांजा तस्कर ओडिशा से धराया, एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजा

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 14 अक्टूबर 2025: नारकोटिक्स के खिलाफ कठोर कार्रवाई की दिशा में रायगढ़ पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन में तमनार पुलिस ने छह महीने से फरार चल रहे कुख्यात गांजा तस्कर दिलीप कुमार प्रधान को ओडिशा के अंगुल जिले से गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की तत्परता और तकनीकी दक्षता को दर्शाती है, बल्कि नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूती प्रदान करती है।
तकनीक और सूझबूझ से पकड़ा गया तस्कर
तमनार थाना प्रभारी निरीक्षक कमला पुसाम ठाकुर के नेतृत्व में गठित विशेष पुलिस दल ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। डीएसपी साइबर सेल श्री अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस ने साइबर तकनीक और मुखबिर तंत्र का सहारा लिया। सूचना मिली थी कि फरार आरोपी दिलीप कुमार प्रधान ओडिशा के संबलपुर जिले में जेएसडब्ल्यू प्लांट ठेकलोई के आसपास छिपा हुआ है। इस जानकारी के आधार पर तमनार पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अंगुल जिले में दबिश दी और आरोपी को हिरासत में लिया।
पूछताछ के दौरान दिलीप ने खुलासा किया कि वह मोबाइल फोन और यूपीआई के जरिए गांजा की बुकिंग और सप्लाई का कारोबार चला रहा था। उसका यह कबूलनामा पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि इससे नशे के इस अवैध नेटवर्क की गहरी परतों को उजागर करने में मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि और प्रकरण का विवरण
दरअसल, यह मामला इस वर्ष 23 मई 2025 को सामने आया था, जब तमनार पुलिस ने ग्राम टांगरघाट के तीन आरोपियों—श्रीपति चौहान, रोहित किसान और विमल यादव—को 37 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में थाना तमनार में अपराध क्रमांक 105/2025 के तहत एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(बी) के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी। गिरफ्तार तीनों आरोपी वर्तमान में रायगढ़ जिला जेल में बंद हैं।
जांच के दौरान पुलिस को इन आरोपियों के दिलीप कुमार प्रधान के साथ लेन-देन और संपर्क के पुख्ता सबूत मिले थे। दिलीप, जो इस पूरे नेटवर्क का अहम कड़ी था, पिछले छह महीनों से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लगातार तकनीकी और मानवीय संसाधनों का उपयोग किया। आखिरकार, साइबर सेल की मदद और स्थानीय मुखबिरों के इनपुट के आधार पर पुलिस ने उसे ओडिशा के अंगुल जिले के कांडली मुंडा गांव से धर दबोचा।
कौन है दिलीप कुमार प्रधान?
गिरफ्तार आरोपी दिलीप कुमार प्रधान (उम्र 29 वर्ष), पिता किलोमणि मनी प्रधान, ग्राम कांडली मुंडा, थाना किशोर नगर, जिला अंगुल (ओडिशा) का निवासी है। वह गांजा तस्करी के इस अवैध कारोबार में लंबे समय से सक्रिय था और डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर अपने नेटवर्क को संचालित कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य संदिग्धों की तलाश में जुट गई है।
न्यायिक कार्रवाई और पुलिस की भूमिका
गिरफ्तारी के बाद दिलीप कुमार प्रधान को विधिवत रूप से न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई में तमनार थाना प्रभारी निरीक्षक कमला पुसाम ठाकुर के साथ प्रधान आरक्षक हेम प्रकाश सोन, आरक्षक पुरुषोत्तम सिदार और पुष्पेंद्र सिदार की अहम भूमिका रही। साइबर सेल की तकनीकी सहायता ने भी इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
नारकोटिक्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि रायगढ़ पुलिस नशे के कारोबार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि नारकोटिक्स के खिलाफ एंड-टू-एंड कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार तकनीकी और मानवीय संसाधनों का उपयोग कर रही है। इस तरह की कार्रवाइयां न केवल नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाएंगी, बल्कि समाज को इस जहर से मुक्त करने में भी मदद करेंगी।
दिलीप कुमार प्रधान की गिरफ्तारी से नशे के इस अवैध नेटवर्क की कई कड़ियां उजागर होने की उम्मीद है। पुलिस अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि अन्य संलिप्त व्यक्तियों और इस कारोबार के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके। यह कार्रवाई न केवल रायगढ़ पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि नशे के कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।