रायगढ़ में एसईसीएल छाल क्षेत्र में चक्काजाम: प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई, कई के खिलाफ एफआईआर

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 10 अक्टूबर 2025: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र में 15 सूत्रीय मांगों को लेकर खेदापाली चौक पर चक्काजाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के एक सुरक्षा गार्ड की शिकायत के आधार पर छाल पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की है। इस घटना ने न केवल क्षेत्र में तनाव पैदा किया है, बल्कि एसईसीएल के कार्यों पर भी गंभीर प्रभाव डाला है।
घटना का विवरण
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे खेदापाली चौक पर 40 से 50 की संख्या में महिला और पुरुष प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई, जिससे एसईसीएल छाल के स्टाफ और कोयला परिवहन से जुड़े वाहनों का संचालन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों की 15 सूत्रीय मांगों में स्थानीय स्तर पर रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और अन्य सामाजिक-आर्थिक मुद्दे शामिल बताए जा रहे हैं, हालांकि पुलिस ने अभी तक मांगों की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है।
एसईसीएल छाल में तैनात सुरक्षा गार्ड ननकी बाबू सिदार ने छाल थाने में अपनी शिकायत में बताया कि प्रदर्शनकारियों को बार-बार समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने सड़क से हटने से इनकार कर दिया। इस चक्काजाम के कारण न केवल एसईसीएल के दैनिक कार्य बाधित हुए, बल्कि कंपनी को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। ननकी बाबू ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया कि प्रदर्शनकारियों के इस कृत्य से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति भी प्रभावित हुई।
पुलिस की कार्रवाई
ननकी बाबू सिदार की शिकायत के आधार पर छाल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शौकी लाल नेताम, चन्द्रशेखरपुर निवासी ऐडू, महेंद्र सिदार, कीदा सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस प्रदर्शन के आयोजकों और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान करने में जुटी है, ताकि इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
एसईसीएल पर प्रभाव
एसईसीएल छाल क्षेत्र कोयला उत्पादन और परिवहन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। चक्काजाम के कारण कोयले की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा उत्पन्न हुई, जिससे कंपनी के संचालन पर गंभीर असर पड़ा। एसईसीएल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह की घटनाएं न केवल उत्पादन को प्रभावित करती हैं, बल्कि क्षेत्र में निवेश और विकास की संभावनाओं को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
स्थानीय प्रतिक्रिया और मांगें
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी मांगें लंबे समय से अनसुनी की जा रही हैं। प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि एसईसीएल के संचालन से स्थानीय पर्यावरण और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उनकी मांगों में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, पर्यावरणीय क्षति की भरपाई, और बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाएं शामिल हैं। हालांकि, प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन ने अभी तक इन मांगों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
आगे की चुनौतियां
यह घटना रायगढ़ जिले में औद्योगिक गतिविधियों और स्थानीय समुदाय के बीच बढ़ते तनाव को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन, उद्योग और स्थानीय समुदाय के बीच संवाद को और मजबूत करने की आवश्यकता है। साथ ही, प्रदर्शनकारियों की मांगों पर विचार करते हुए एक संतुलित समाधान निकालना जरूरी है, ताकि विकास और सामाजिक न्याय के बीच सामंजस्य स्थापित हो सके।
छाल क्षेत्र में हुए इस चक्काजाम और उसके बाद पुलिस कार्रवाई ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में सामाजिक असंतोष की समस्या को सामने ला दिया है। पुलिस की कार्रवाई से प्रदर्शनकारी दबाव में आ सकते हैं, लेकिन यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है। प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन को स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कदम उठाने होंगे। फिलहाल, छाल पुलिस इस मामले में अपनी जांच को तेजी से आगे बढ़ा रही है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।