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रायगढ़ में मुआवजा भुगतान अब डिजिटल, चेक की जगह सीधे खाते में राशि

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। जिले में किसानों को उनकी जमीन के मुआवजे का भुगतान अब डिजिटल तरीके से होने लगा है। रायगढ़ के एसडीएम महेश शर्मा ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत की है, जिससे किसानों को भुगतान लेने में होने वाली परेशानियां कम हो रही हैं। पहले मुआवजा चेक के जरिए दिया जाता था, लेकिन अब यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है। इस बदलाव से न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि भुगतान प्रक्रिया भी पारदर्शी और सुविधाजनक हो गई है।

रायगढ़ जिले में भू-अर्जन (जमीन अधिग्रहण) की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। विभिन्न परियोजनाओं के लिए तहसीलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, और इसके बदले किसानों को मुआवजा दिया जाता है। पहले यह मुआवजा चेक के जरिए वितरित किया जाता था। प्रत्येक किसान के नाम अलग-अलग चेक बनाए जाते थे। लेकिन इस प्रक्रिया में कई समस्याएं थीं:
नाम या स्पेलिंग में गलती: कई बार चेक पर किसान का नाम गलत लिखा होने या स्पेलिंग में त्रुटि होने के कारण चेक वापस आ जाता था।
बैंक में सत्यापन की समस्या: चेक भुनाने के दौरान यह जांचना मुश्किल होता था कि चेक जिसके नाम पर है, वही व्यक्ति भुगतान लेने आया है या नहीं।
किसानों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते: गलतियों के कारण किसानों को भुगतान लेने के लिए कई बार तहसील या बैंक के चक्कर लगाने पड़ते थे।
इन सभी समस्याओं को देखते हुए कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर एसडीएम महेश शर्मा ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल करने का फैसला किया।
नई डिजिटल प्रक्रिया क्या है?
अब मुआवजा वितरण के लिए एक नई और सरल प्रणाली शुरू की गई है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:
एक चेक, सभी किसानों के लिए: अगर किसी गांव में एक से ज्यादा किसानों को मुआवजा देना है, तो उनकी कुल राशि को जोड़कर एक ही चेक बनाया जाता है। यह चेक संबंधित बैंक को दिया जाता है।
किसानों की जानकारी संग्रह: किसानों से उनके बैंक खाते की पासबुक, खाता नंबर, और अन्य जरूरी जानकारी ली जाती है।
बैंक के जरिए राशि ट्रांसफर: बैंक इस चेक की राशि को प्राप्त करने के बाद सभी किसानों के खातों में उनकी हिस्से की राशि सीधे ट्रांसफर कर देता है।
फॉलो-अप और फीडबैक: एसडीएम यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी किसानों को भुगतान मिल गया हो। इसके लिए वे फोन पर फीडबैक भी लेते हैं ताकि किसी भी तरह की परेशानी का तुरंत समाधान किया जा सके।
इस बदलाव के फायदे
इस डिजिटल प्रणाली से कई फायदे देखने को मिल रहे हैं:
समय और मेहनत की बचत: अब हर किसान के लिए अलग-अलग चेक बनाने की जरूरत नहीं है, जिससे प्रशासनिक काम आसान हो गया है।
पारदर्शिता: चूंकि राशि सीधे खाते में जाती है, इसलिए गलत भुगतान या धोखाधड़ी की संभावना कम हो गई है।
किसानों को सुविधा: किसानों को अब बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। राशि सीधे उनके खाते में पहुंच रही है।
कम गलतियां: चेक पर गलत नाम या स्पेलिंग की समस्या खत्म हो गई है।
कुछ चुनौतियां भी
हालांकि यह नई प्रणाली बहुत प्रभावी है, लेकिन अभी कुछ छोटी-मोटी समस्याएं सामने आ रही हैं। कई बार किसानों के पुराने बैंक खातों में IFSC कोड बदलने या बैंक शाखा बदलने के कारण भुगतान रुक जाता है। ऐसे मामलों में राशि ट्रांसफर नहीं हो पाती, और दोबारा प्रक्रिया करनी पड़ती है। लेकिन प्रशासन इन समस्याओं को जल्दी हल करने के लिए तत्पर है।
एसडीएम का क्या कहना है?
रायगढ़ के एसडीएम महेश शर्मा ने बताया, “हमने मुआवजा भुगतान के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है। अब बैंक के जरिए सीधे किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर हो रही है। इससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हुई है। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी किसान को भुगतान में कोई परेशानी न हो।”

Amar Chouhan

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