लैलूंगा थाना फिर सवालों के घेरे में – शिक्षक से मारपीट व लूट का मामला बना सामान्य अपराध

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/लैलूंगा। शिक्षक के साथ स्कूल परिसर में हुई मारपीट और लूट जैसी गंभीर वारदात पर लैलूंगा पुलिस की कार्यवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मामला इतना गंभीर होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों पर सामान्य धाराएं लगाई हैं, जिससे पीड़ित शिक्षक न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। स्कूल में घुसकर की गई मारपीट और लूट – मिली जानकारी के अनुसार, शासकीय प्राथमिक शाला देवगुडीपारा में पदस्थ शिक्षक प्रेम साय यादव पर 6 अक्टूबर की दोपहर तीन युवकों ने स्कूल परिसर में घुसकर जानलेवा हमला कर दिया। शिक्षक के शर्ट की जेब में रखे 5 हजार रुपये लूटकर आरोपी वहां से फरार हो गए। शिक्षक ने बताया कि हमलावरों में अमन गुप्ता, सागर गुप्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे। हमला इतना अचानक हुआ कि स्कूल स्टाफ और बच्चे भयभीत हो गए। थाने से भगा दिया पीड़ित शिक्षक को – घटना के बाद जब शिक्षक रिपोर्ट दर्ज कराने लैलूंगा थाना पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। उल्टा आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाय शिक्षक को थाने से भगा दिया। निराश होकर पीड़ित शिक्षक ने 7 अक्टूबर को सीधे रायगढ़ पुलिस अधीक्षक के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। एसपी के हस्तक्षेप के बाद लैलूंगा थाना पुलिस ने अपराध क्रमांक 266/25 दर्ज किया। पुलिस ने जान से मारने की कोशिश को भी नज़रअंदाज किया – शिक्षक के लिखित आवेदन में साफ उल्लेख है कि आरोपियों ने ग्रे रंग की बेलेनो कार से आकर हमला किया और रॉड व बड़े पेचकस जैसे औजारों से उन्हें जान से मारने की कोशिश की। बावजूद इसके, लैलूंगा पुलिस ने एफआईआर में न तो कार का जिक्र किया और न ही घातक औजारों का। इसके बजाय पुलिस ने मामूली धाराओं — धारा 296, 115(2), 351(2), 3(5) — के तहत रिपोर्ट दर्ज कर दी। गंभीर आरोपों को साधारण दिखाने का प्रयास? स्थानीय नागरिकों और शिक्षकों ने इस बात पर रोष जताया कि पुलिस ने जानलेवा हमले और लूट के प्रकरण को “सामान्य” बना दिया है। यह रुख न केवल न्याय प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि ऐसे हमलावरों के हौसले भी बुलंद कर सकता है। शिक्षकों ने कहा कि अगर शिक्षा के मंदिर में प्रवेश कर किसी शिक्षक को पीटा जाए और पुलिस आरोपियों का बचाव करे, तो यह पूरे तंत्र पर कलंक है। एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग – अब मामले की निष्पक्ष जांच और धाराओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग रायगढ़ के शिक्षकों और सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही है। वे चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ डकैती, जानलेवा हमला और सरकारी कर्मचारी पर हमला जैसी कठोर धाराओं में कार्रवाई की जाए।