सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े और जनप्रतिनिधियों ने जया चौहान के साहस को सराहा, शोकाकुल परिवार को बंधाया ढांढस

बेटी जया ने रचा इतिहास: पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर निभाया बेटों का फर्ज
सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम सारंगढ़, 06 सितंबर 2025: समाज में बेटियों की सशक्त उपस्थिति और उनके साहस ने एक बार फिर नई मिसाल कायम की है। बरमकेला के ग्राम बोरे की जया चौहान ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर न केवल पारिवारिक परंपराओं को निभाया, बल्कि समाज के सामने एक प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत किया। पिंडदान जैसे धार्मिक संस्कार को अंजाम देकर जया ने यह सिद्ध कर दिया कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं।

जया के इस साहसिक और प्रेरणादायी कदम की सराहना करने और शोकाकुल चौहान परिवार को सांत्वना देने के लिए शुक्रवार शाम सारंगढ़ विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े, जनपद सदस्य ताराचंद पटेल, पूर्व सरपंच प्रेमकुमार सारथी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता देवकृष्ण पटेल समेत कई जनप्रतिनिधि उनके निवास पर पहुंचे। विधायक जांगड़े ने जया की हिम्मत की प्रशंसा करते हुए कहा, “जया ने न केवल अपने पिता की अंतिम इच्छा को सम्मान दिया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि बेटियां हर भूमिका में सक्षम हैं। उनका यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।”

जनप्रतिनिधियों ने जया के इस कार्य को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का जीवंत प्रतीक बताते हुए कहा कि यह समाज की रूढ़िगत सोच को चुनौती देने वाला कदम है। जया ने यह दिखाया है कि बेटियां न केवल परंपराओं को निभा सकती हैं, बल्कि उन्हें नई दिशा भी दे सकती हैं।

चौहान परिवार को ढांढस बंधाते हुए विधायक और अन्य नेताओं ने आश्वासन दिया कि समाज हमेशा ऐसे साहसिक और प्रगतिशील कदमों के साथ खड़ा रहेगा। जया चौहान की संवेदनशीलता और साहस ने न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई चेतना जागृत की है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में नई परिभाषाएं गढ़ रही हैं और रूढ़ियों को तोड़कर समाज को प्रगति की राह दिखा रही हैं।