19 अगस्त को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में रैली और कलेक्टर को ज्ञापन, मांगें पूरी न होने पर रायपुर में घेराव और संभागों में चक्का जाम की चेतावनी

मितानिन संघ की हड़ताल:
सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 18 अगस्त 2025: छत्तीसगढ़ के मितानिन कार्यक्रम से जुड़े मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक (MT), ब्लॉक कोऑर्डिनेटर (BC), और हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर (HF) अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन को और तेज करने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मितानिन संघ के जिला सचिव श्री केशव प्रसाद चौहान ने एक बयान जारी कर बताया कि मितानिन संघ 19 अगस्त 2025 को प्रदेश के सभी जिलों में जंगी प्रदर्शन करेगा। इस दिन मितानिन, MT, BC, और HF लगभग 1 किलोमीटर की रैली निकालकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।

ज्ञापन और अल्टिमेटम
श्री चौहान ने बताया कि इस ज्ञापन के माध्यम से शासन को एक सप्ताह का अल्टिमेटम दिया जाएगा, जिसमें मितानिनों की मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की जाएगी। मांगें पूरी न होने की स्थिति में मितानिन संघ और कड़ा रुख अपनाएगा। इसके तहत:
– **रायपुर, दुर्ग, और बिलासपुर संभाग** के सभी मितानिन, MT, BC, और HF राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निवास का घेराव करेंगे।
– **बस्तर और सरगुजा संभाग** के सभी साथी अपने-अपने संभाग के सभी जिलों में चक्का जाम करेंगे।
मितानिनों का जोश और संकल्प
श्री केशव प्रसाद चौहान ने अपने बयान में कहा, “लड़ अभी जीत बाकी है, हारा कहां है अभी उम्मीद बाकी है।” उन्होंने मितानिनों से पूरे जोश और उत्साह के साथ इस प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक शासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेता, तब तक मितानिन संघ न रुकेगा और न थकेगा।
मितानिनों की प्रमुख मांगें
मितानिन संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. **राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत संविलियन**: मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, हेल्प डेस्क फेसिलिटेटर, और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को NHM के तहत नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
2. **मानदेय में वृद्धि**: मितानिनों के मानदेय क्षतिपूर्ति में 50 प्रतिशत की वृद्धि की मांग।
3. **ठेका प्रथा बंद**: NGO के अंतर्गत कार्यरत मितानिनों, प्रशिक्षकों, और अन्य कर्मियों को ठेका प्रथा से मुक्त कर नियमित करने की मांग।
इन मांगों को लेकर मितानिन संघ ने पहले भी 7 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी, जिसका असर प्रदेश की ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं पर देखा गया है।
आंदोलन का व्यापक प्रभाव
छत्तीसगढ़ में मितानिनों की संख्या लगभग 72,000 है, और वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं। कोविड महामारी के दौरान मितानिनों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसके बावजूद, उन्हें न तो कर्मचारी का दर्जा मिला है और न ही पर्याप्त वेतन या सुविधाएं, जैसे भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) और ग्रेच्युटी। मितानिनों का कहना है कि उन्हें स्वयंसेवी कहकर उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
पहले के प्रदर्शन
मितानिन संघ ने 7 अगस्त से रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, और बस्तर संभागों में क्रमबद्ध प्रदर्शन किए। 29 जुलाई को राजधानी रायपुर में जोरदार प्रदर्शन कर अपनी मांगें उठाई गई थीं। इसके बाद भी शासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर मितानिनों ने आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है।
अपील और एकजुटता
श्री चौहान ने सभी मितानिनों, MT, BC, और HF से 19 अगस्त के प्रदर्शन में एकजुट होकर शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, “हमारी आवाज को शासन के कानों तक पहुंचाने के लिए हमें और मजबूती से अपनी लड़ाई लड़नी होगी।” मितानिन संघ ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
19 अगस्त 2025 को होने वाला यह प्रदर्शन मितानिन संघ के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण चरण होगा। रैली और ज्ञापन के माध्यम से मितानिन अपनी मांगों को और प्रभावी ढंग से शासन के सामने रखेंगी। यदि शासन एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करता, तो रायपुर में घेराव और संभागों में चक्का जाम जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे। मितानिनों का यह आंदोलन न केवल उनके अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है।