रायगढ़ में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल: दो महीने में ही जर्जर हुआ करोड़ों की लागत से बना रोड

Iसम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, छत्तीसगढ़: जिला रायगढ़ के पुसौर ब्लॉक से बरमकेला होकर रायपुर जाने वाली सड़क, जो सरीया से उड़ीसा रोड को भी जोड़ती है, एक बार फिर चर्चा में है। इस सड़क का निर्माण डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड के तहत करोड़ों रुपये की लागत से किया गया था। लेकिन निर्माण के मात्र दो महीने बाद ही बरसात के कारण सड़क की हालत जर्जर हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है।

मोदी जी की गारंटी या भ्रष्टाचार की गवाही?
पुसौर स्टेट बैंक से गायत्री मंदिर के बीच बनी इस सड़क को लेकर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पुरानी सड़क को उखाड़कर नई सड़क बनाने का दावा किया गया, लेकिन नई सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब है कि यह दो महीने भी नहीं टिक सकी। लोगों का आरोप है कि यह सड़क “मोदी जी की गारंटी” के नाम पर बनाई गई, लेकिन यह भ्रष्टाचार और लापरवाही की मिसाल बन गई है।

डीएमएफ फंड का दुरुपयोग?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि डीएमएफ फंड के तहत सड़क निर्माण में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं। आरोप है कि ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर फंड का दुरुपयोग किया और अपने जेब भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, “पुसौर ब्लॉक में विकास के नाम पर केवल लोगों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। सड़क की हालत देखकर लगता है कि निर्माण में न तो गुणवत्ता का ध्यान रखा गया और न ही कोई तकनीकी मानक अपनाया गया।”

“विकास” का दावा, हकीकत में खस्ताहाल सड़क
सड़क की जर्जर स्थिति ने क्षेत्र के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के दावों पर भी सवाल खड़े किए हैं, जो पुसौर ब्लॉक में “विकास” की बात करते हैं। लोगों का कहना है कि यह सड़क क्षेत्र के विकास की बजाय भ्रष्टाचार की कहानी बयां करती है। बरसात के बाद सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे और टूट-फूट साफ नजर आ रही है, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।

जिम्मेदार कौन?
इस मामले में रायगढ़ के वित्त मंत्री और विधायक ओपी चौधरी से भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतने बड़े फंड के बावजूद सड़क की यह हालत शासन-प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि सड़क निर्माण में स्थानीय नेताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत है, जिसके कारण जनता को इस तरह की खराब सड़कें मिल रही हैं।

जनता की मांग: जांच और कार्रवाई
स्थानीय लोग इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि डीएमएफ फंड के दुरुपयोग और सड़क निर्माण में हुई अनियमितताओं की जांच होनी चाहिए। साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह मामला न केवल रायगढ़ जिले, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में विकास के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। सवाल यह है कि क्या इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह दब जाएगा? जनता की नजर अब शासन और प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है।

विशेष संवाददाता पद्मनाभ प्रधान की रिपोर्ट
