भूपेश बघेल के भिलाई निवास पर ED की छापेमारी: पूर्व CM का आरोप- अडानी के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने से रोकने की साजिश, कांग्रेस ने बताया विपक्ष को दबाने की चाल

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम भिलाई, 18 जुलाई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई, जो Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत दर्ज है। ED की टीम तीन गाड़ियों में पहुंची, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी शामिल थे। यह दूसरी बार है जब ED ने चैतन्य बघेल के खिलाफ इस मामले में छापेमारी की है; इससे पहले मार्च 2025 में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई थी।

छापेमारी का कारण और ED का दावा
ED के अनुसार, यह छापेमारी 2019-2022 के बीच छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच का हिस्सा है। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय उत्पन्न हुई, जिसमें चैतन्य बघेल को अपराध की आय का “प्राप्तकर्ता” माना गया है। मार्च 2025 में हुई पिछली छापेमारी में ED ने बघेल के निवास से 30-33 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए थे। भूपेश बघेल ने तब दावा किया था कि यह राशि उनकी पारिवारिक बचत, खेती, और डेयरी व्यवसाय से प्राप्त आय थी।
इसके अलावा, मार्च 2025 में ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने महादेव बेटिंग ऐप मामले में भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी की थी। इन बार-बार की कार्रवाइयों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, और कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने की साजिश करार दिया है।

भूपेश बघेल का बयान: ‘राजनीतिक साजिश’
छापेमारी के बाद भूपेश बघेल ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट में इस कार्रवाई को “साहेब” द्वारा भेजी गई साजिश बताया। उन्होंने कहा, “आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन था, और मैं तमनार में अडानी समूह के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने वाला था। यह छापेमारी उसी को दबाने की कोशिश है।” बघेल ने दावा किया कि यह कार्रवाई उनकी आवाज को दबाने और जनहित के मुद्दों को उठाने से रोकने के लिए की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कानूनी रूप से इस कार्रवाई का सामना करेंगे और डरने वाले नहीं हैं।

कांग्रेस का आरोप: विपक्ष का गला घोंटने की कोशिश
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने इस छापेमारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “केंद्र की BJP सरकार ED और CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं का गला घोंट रही है। भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ के हितों की बात उठा रहे हैं, चाहे वह अडानी समूह की परियोजनाओं से पर्यावरण को नुकसान का मुद्दा हो या आदिवासियों के अधिकारों की बात। यह छापेमारी उनकी आवाज को दबाने की साजिश है।”
कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन नेताओं को निशाना बना रही है जो BJP की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। बैज ने कहा, “यह केवल भूपेश बघेल का मामला नहीं है। देशभर में विपक्षी नेताओं को ED, CBI और आयकर विभाग के जरिए डराया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”

छापेमारी का समय और संदर्भ
ED की यह कार्रवाई उस समय हुई जब छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र चल रहा था, और भूपेश बघेल तमनार में अडानी समूह की परियोजना से संबंधित पर्यावरणीय मुद्दों को उठाने की तैयारी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, बघेल ने हाल ही में अडानी समूह की कोयला खनन परियोजना के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ कटाई के मुद्दे पर सवाल उठाए थे, जिसे लेकर स्थानीय समुदायों में भी नाराजगी है। इस संदर्भ में, बघेल और कांग्रेस ने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया है।
पिछली कार्रवाइयां और जांच का दायरा
ED और CBI की यह कार्रवाइयां भूपेश बघेल और उनके परिवार के खिलाफ पहली बार नहीं हैं। मार्च 2025 में हुई ED की छापेमारी के अलावा, CBI ने महादेव बेटिंग ऐप मामले में भी बघेल के निवास पर तलाशी ली थी। उस समय बघेल ने इसे भी राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया था। शराब घोटाले की जांच में ED ने कई अन्य लोगों को भी निशाना बनाया है, जिनमें कथित तौर पर बघेल सरकार के दौरान के कुछ नौकरशाह और कारोबारी शामिल हैं।
ED ने अपनी जांच में दावा किया है कि शराब घोटाले में बड़े पैमाने पर अवैध वित्तीय लेनदेन हुए, जिसके जरिए अपराध की आय को विभिन्न चैनलों के माध्यम से लॉन्ड्रिंग किया गया। चैतन्य बघेल पर इस मामले में अपराध की आय प्राप्त करने का आरोप है, हालांकि इस संबंध में कोई ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
ED ने अभी तक इस छापेमारी के परिणामों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। दूसरी ओर, भूपेश बघेल और कांग्रेस ने इस मामले को अदालत में चुनौती देने और जनता के बीच ले जाने की बात कही है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा और सार्वजनिक मंचों पर उठाने की योजना बनाई है। पार्टी का कहना है कि यह न केवल भूपेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई है, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता के हितों पर हमला है।
यह छापेमारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर सकती है। जहां ED इस कार्रवाई को मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अपनी जांच का हिस्सा बता रही है, वहीं भूपेश बघेल और कांग्रेस इसे विपक्ष को दबाने की साजिश करार दे रहे हैं। इस मामले में अगले कुछ दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।