Latest News

11 वर्षीय बालक की निर्मम हत्या में युवती को उम्रकैद

उपनिरीक्षक गिरधारी साव की हैट्रिक, तीसरे हत्या मामले में फिर सजा का सटीक वार

रायगढ़। रायगढ़ के बहुचर्चित 11 वर्षीय बालक हत्या मामले में कोतरारोड पुलिस की कड़ी विवेचना और अभियोजन की मजबूत पैरवी ने एक बार फिर अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया। मानीय षष्म अपर सत्र न्याइयाधीश अश्विनी कुमार चतुर्वेदी के न्याइयालय ने मंगलवार को इस सनसनीखेज मामले में 19 वर्षीय आरोपिया भारती उर्फ उमा चौहान को आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई। यह फैसला पुलिस की तकनीकी दक्षता और उपनिरीक्षक गिरधारी साव की सख्त विवेचना का परिणाम है, जिन्होंने लगातार तीसरे हत्या मामले में सजा की हैट्रिक पूरी की।

24 मई 2023 की वो काली रात
चिराईपानी गांव में 11 वर्षीय मासूम प्रीतम उस शाम खेलने के लिए घर से निकला, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा। परिजनों की रातभर की तलाश बेकार गई। अगली सुबह एक महिला की सूचना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। स्कूल परिसर में प्रीतम का क्षत-विक्षत शव मिला। शव परीक्षण में खुलासा हुआ कि उसकी गला दबाकर और गर्दन तोड़कर निर्मम हत्या की गई थी। इस क्रूरता ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, खुला हत्या का राज
कोतरारोड पुलिस ने तत्काल मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के मार्गदर्शन में उपनिरीक्षक गिरधारी साव ने मामले की बारीकी से तहकीकात की। जांच में पता चला कि गांव की ही 19 वर्षीय भारती उर्फ उमा चौहान ने ईंट और लोहे की गुप्ती से प्रीतम पर हमला किया था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर ठोस साक्ष्य और गवाहों के बयान जुटाए। वैज्ञानिक साक्ष्यों ने भी अपराध की पुष्टि की।

न्यायालय में अभियोजन की दमदार पैरवी 
मामले की सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक तन्मय बनर्जी ने साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। अभियोजन ने दलील दी कि आरोपी ने सुनियोजित तरीके से मासूम की हत्या की। न्यायालय ने सभी तथ्यों, गवाहों के बयानों और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर भारती को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पुलिस की सख्ती का परिणाम, पीड़ित परिवार को न्याय
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने इस फैसले को रायगढ़ पुलिस की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “गंभीर अपराधों में दोषियों को कठोर सजा दिलाना हमारा लक्ष्य है।” उपनिरीक्षक गिरधारी साव की यह लगातार तीसरी सफलता है, जिनकी विवेचना ने हर बार अपराधियों को सजा के कठघरे में खड़ा किया। पुलिस की साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यशालाओं ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्षेत्र में फैसला चर्चा का विषय
इस सजा ने चिराईपानी सहित पूरे रायगढ़ में अपराधियों के मन में खौफ पैदा कर दिया है। प्रीतम के परिजनों ने फैसले पर संतोष जताया और पुलिस की तारीफ की। यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि अपराध कितना भी सुनियोजित क्यों न हो, कानून का शिकंजा हर हाल में कसता है।

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button