मुआवजा विवाद में बढ़ती हिंसा: रायगढ़ में भतीजे की हत्या, आरोपी बड़े पिता गिरफ्तार

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 23 जून 2025 — पुस्तैनी जमीन के मुआवजे को लेकर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम कुर्मीभौना (सुकबासीपारा) का है, जहां मुआवजे के विवाद में 70 वर्षीय मंगलू राठिया ने अपने 40 वर्षीय भतीजे पवन कुमार राठिया की लकड़ी के बहिंगा से वार कर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
घटना 20 जून की शाम की है, जब पवन अपने बड़े पिता मंगलू के घर पुस्तैनी जमीन के मुआवजे से जुड़े ₹2,00,000 के उधार की रकम में हिस्सा मांगने गया था। ग्राम कुर्मीभौना में स्थित 9 एकड़ समलाती भूमि, जिसे एसईसीएल बरौद कोयला खदान द्वारा अधिग्रहित किया जाना है, को लेकर परिवार में लंबे समय से तनाव था। इसी बात पर हुए विवाद में मंगलू ने गुस्से में पवन के सिर और चेहरे पर लकड़ी के बहिंगा से ताबड़तोड़ वार किए, जिससे पवन गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरघोड़ा और बाद में मेडिकल कॉलेज रायगढ़ ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घरघोड़ा पुलिस ने 21 जून को मर्ग डायरी प्राप्त होने पर जांच शुरू की। जांच में मंगलू राठिया का नाम सामने आया, जिसने पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया और खून से सना लकड़ी का बहिंगा पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 103(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और 21 जून को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
मुआवजा विवाद: बढ़ती हिंसा का कारण
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने बताया कि जमीन अधिग्रहण और मुआवजे के लालच में पारिवारिक विवाद और हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। यह घटना भी ऐसी ही एक दुखद मिसाल है, जहां पैसों के लालच ने रिश्तों को खून में डुबो दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू के नेतृत्व में पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई की। टीम में एएसआई संजीवन वर्मा, खेमराज पटेल, प्रधान आरक्षक पारसमणी बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल और उद्धो राम पटेल शामिल थे।
सामाजिक चिंता
जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर बढ़ते विवाद न केवल पारिवारिक रिश्तों को तोड़ रहे हैं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मुआवजा वितरण में पारदर्शिता और परिवारों में आपसी समझ बढ़ाने की जरूरत है।