धान खरीदी केंद्रों में नायब तहसीलदार पर अवैध वसूली के आरोप
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़, 31 जनवरी। धरमजयगढ़ में धान खरीदी के बाद सत्यापन का आदेश दिया गया था। इसका दुरुपयोग कुछ अफसरों ने भयादोहन करने के लिए किया। बुधवार को कलेक्टर से हुई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नायब तहसीलदार उज्जवल पांडे ने हर समिति में डर दिखाकर वसूली की। बात खुल गई तो गेरसा और खडग़ांव में पंचनामा बना दिया। इसमें खाद्य निरीक्षक पर भी उंगली उठी है। धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए भौतिक सत्यापन का आदेश दिया गया था। इसकी आड़ में कई अधिकारियों ने जमकर अवैध वसूली की है। सत्यापन की कमान राजस्व अधिकारियों के हाथ में थी। धरमजयगढ़ में अवैध वसूली करने वाले अधिकारी से आजिज आकर कलेक्टर से लिखित शिकायत की गई है। बुधवार को गेरसा का ऑपरेटर ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की है। आरोप लगाया गया है कि गेरसा में धान खरीदी में गड़बड़ी करने का दबाव बनाकर नायब तहसीलदार उज्जवल पांडे ने अवैध वसूली की।
पहले 2.40 लाख रुपए की मांग की, उसके बाद एक लाख रुपए में मामला सेटल करने को कहा। आरोप है कि हर बार जांच में धान की मात्रा बदल देते थे। कभी 3000 क्विं. तो कभी 1500 क्विं. धान ज्यादा बताते थे। गेरसा में 24 जनवरी से खरीदी बंद कर दी गई है। प्रबंधक का कहना है कि उसने पूरा धान खरीदकर बांटे गए लोन की शतप्रतिशत रिकवरी भी करवा ली। इसके बाद नायब तहसीलदार उज्जवल पांडे ने अवैध वसूली के लिए परेशान किया। उसके साथ खाद्य निरीक्षक सुधारानी चौहान और गौरव शर्मा का भी नाम सामने आ रहा है। कलेक्टर से शिकायत के बाद हंगामा मच गया है। सीएम हाउस तक भी बात पहुंची है। कई केंद्रों में जांच के बाद प्रतिवेदन अभी तक नहीं पहुंचा है। राजस्व अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर पिछले दिनों वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी शिकायत कर चुके हैं।
अधिकारी और प्रबंधक दोनों अपनी बात पर अड़े
धरमजयगढ़ की समितियों में अवैध वसूली की शिकायत पर नायब तहसीलदार और प्रबंधक दोनों अपनी बात पर अड़े हैं। प्रबंधक का कहना है कि नायब तहसीलदार इतना डरा देते थे कि समिति प्रबंधक सरेंडर हो जाते थे। वहां मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल रखवाकर सेटलमेंट की बात होती थी। कहीं से दो लाख तो कहीं से सात लाख तक ऐंठे गए हैं। जबकि नायब तहसीलदार का कहना है कि उन्होंने 16 केंद्रों में जांच की है। कार्रवाई करते समय भी उन पर काफी दबाव डाला गया। खडग़ांव की जांच पहले हो चुकी थी लेकिन पर्यवेक्षक का बयान बचा था। इसलिए प्रतिवेदन अब तक नहीं दिया गया। खडग़ांव में करीब 1650 बोरी और गेरसा में करीब 1500 बोरी धान ज्यादा मिलने की जानकारी है।
क्या कहते है उज्जवल
हमको कार्रवाई का आदेश मिला था। प्रकरण बनाने से रोकने के लिए कई तरह से दबाव बनाए गए। कार्रवाई हो गई तो आरोप लगा रहे हैं।
– उज्जवल पांडे, नायब तहसीलदार
क्या कहते है ईश्वर
पहले उज्जवल पांडे साहब ने 2.40 लाख रुपए मांगे। गेरसा में खरीदी 24 जनवरी के बाद बंद है। रकम देने में असमर्थ थे तो फिर कहा कि एक लाख दे दो। नहीं दिए तो कार्रवाई कर दी। धान की गिनती भी मनमाने तरीके से कर रहे थे।
– ईश्वर प्रसाद यादव, प्रबंधक गेरसा