ग्राम पंचायत गोढ़ी में निर्विरोध चुनाव को लेकर बैठकों का दौर, पंचों की कार्यशैली पर उठे सवाल।
अमरदीप चौहान/अमरखबर:गोढ़ी-तमनार: ग्राम पंचायत गोढ़ी में आगामी पंचायती चुनाव को लेकर लगातार मैराथन बैठकों का आयोजन किया जा रहा था, जिससे पंचायत में निर्विरोध निर्वाचन संपन्न कराया जा सके। इस प्रयास के तहत गाँव में सभी वार्डों में युवा और नए चेहरों को आगे लाने की पहल की गई, वहीं पुराने और अनुभवी पंचों को मार्गदर्शक की भूमिका निभाने के लिए राजी किया जा रहा था। हालांकि, कुछ वार्डों के निवर्तमान पंच आगामी चुनाव में नाम निर्देशन करने से पीछे नहीं हटे, जिससे निर्विरोध चुनाव की प्रक्रिया प्रभावित होती दिखी।
गाँव के सरपंच पद के लिए भी निर्विरोध निर्वाचन का प्रयास किया गया, लेकिन ग्राम सभा में पिछले चुनाव में पराजित हुए प्रत्याशियों ने नए चेहरे की बजाय पराजित प्रत्याशी को इस बार मौका देने की मांग रखी। इस निर्णय पर गाँव के कई लोगों ने आपत्ति जताई और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया।
पंचायती कार्यकाल में विकास कार्य ठप, 15वें वित्त की राशि का उपयोग नहीं
ग्राम पंचायत गोढ़ी में बीते पंचवर्षीय कार्यकाल के दौरान 15वें वित्त आयोग की लाखों रुपये की राशि का उपयोग नहीं किया जा सका। इस स्थिति में निवर्तमान पंचों द्वारा गाँव में विकास कार्यों की बात करना लोगों को गले नहीं उतर रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जब पंचायती फंड होते हुए भी गाँव में विकास कार्य नहीं हुए, तो पंचों की कार्यशैली और उनकी कार्यक्षमता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
ग्राम पंचायत गोढ़ी में निर्विरोध चुनाव को लेकर बैठकों का दौर, पंचों की कार्यशैली पर उठे सवाल।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते विकास कार्य बाधित रहे। गाँव में कई अधूरे कार्य पड़े हैं, लेकिन पंचों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं, पंचायत की बैठकों और ग्राम सभाओं में निवर्तमान पंचों की सहभागिता भी नगण्य रही, जिससे गाँव के महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी कोई प्रभावी भूमिका नहीं दिखी।
ग्रामीणों की मांग – विकास और सक्रियता को मिले प्राथमिकता
गाँव के जागरूक नागरिकों का मानना है कि इस बार उन प्रत्याशियों को मौका मिलना चाहिए जो विकास कार्यों को प्राथमिकता दें और पंचायत की बैठकों में सक्रिय भागीदारी निभाएँ। उनका कहना है कि पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल में कई योजनाएँ केवल कागजों में सिमटकर रह गईं, जिसका मुख्य कारण पंचायत प्रतिनिधियों की निष्क्रियता रही।
ग्राम पंचायत गोढ़ी के चुनाव को लेकर गाँव में अभी भी चर्चाओं का दौर जारी है। निर्विरोध चुनाव कराने की कोशिशें फिलहाल सफल नहीं हो सकीं, लेकिन ग्रामीण अब यह तय कर रहे हैं कि आने वाले समय में गाँव के विकास के लिए सही प्रतिनिधियों का चुनाव करें, ताकि पंचायत की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।