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अब तक बनी हुई है एमजीआर ट्रैक मेंटनेंस में वेतन विसंगति, फिर से हो सकता है बड़ा आंदोलन!!

अमरदीप चौहान/अमरखबर रायगढ़। एनटीपीसी स्थित एमजीआर ट्रैक मेंटनेंस में वेतन विसंगति की स्थिति आज दिनांक तक बनी हुई है। हड़ताल के बाद अधिकारीयों द्वारा उन्हें वेतन संबंधी समस्या के निराकरण के लिए 19/11/24 तक समय दिया गया था। किन्तु आज दिनांक तक पहले व दूसरे माह की वेतन समस्या का समाधान और दोनों माह का बोनस नहीं दिया गया है जिससे ट्रैक में कार्यरत समस्त ठेकाकर्मियों को भारी आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि पिछले माह कसडोल स्थित केबिन नंबर 2 पर लगभग 130 ठेका मजदूरों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था । जिसमें एनटीपीसी के एमजीआर के डीजीएम रोशन अग्रवाल द्वारा केबिन नंबर 2 में आकर आश्वासन दिया गया था कि दिनांक 19/11/24 तक जो वेतन से संबंधित समस्या है उसका निराकरण कर दिया जाएगा पर आज दिनांक तक उसका भुगतान नहीं किया गया है। ठेका कर्मियों द्वारा जब अधिकारियों, सुपरवाइजर एवं ठेकेदार को फोन करके पूछा जाता है तो आज आयेगा, कल आयेगा, परसो आयेगा, एक हफ्ते बाद आयेगा यही सब कहकर धोखे में रखा जा रहा है और वेतन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।

भैंसगढ़ी स्थित एनटीपीसी के रेलवे ब्रिज में स्टोन पिचिंग का कार्य लगभग दो माह पूर्व से चल रहा है जहां उसमें कार्यरत लगभग 30 मजदूर महिला और पुरुष से कार्य लिया जा रहा है उन्हें भी समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है जिससे उस कार्य को कर रहे मजदूरों को भी काफी तकलीफो का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि ये कॉन्ट्रैक्ट भी उसी अधिकारी और ठेकेदार के जिम्मेदारी में है जो एमजीआर के ट्रैक मेंटनेंस में मेंटनेंस का काम देख रहे है वहां भी वेतन की समस्या चल रही है।

एनटीपीसी लारा स्थित एमजीआर ट्रैक मेंटनेंस में चल रही अधिकारियों और ठेकेदार की मनमानी से एनटीपीसी लारा प्रोजेक्ट के द्वारा रेल द्वारा कोल परिवहन के लिए भू-अर्जित गांव के लोगों से लेकर रायगढ़ लारा स्थित एनटीपीसी से तिलाईपाली तक के ठेकाकर्मी नाराज हैं। वे बहुत जल्द पुनः आंदोलन का रुख कर सकते हैं।

एनटीपीसी लारा स्थित एमजीआर ट्रैक मेंटनेंस में अधिकारियों और ठेकेदार की मनमानी

एन टी पी सी लारा द्वारा रेल द्वारा कोल परिवहन के लिए भू अर्जन द्वारा गांव के लोगों से रायगढ़ पुसौर स्थित एन टी पी सी से लेकर  घरघोड़ा स्थित तलाईपल्ली तक जमीन लिया गया है जिसमें नौकरी के शर्त पर गांव के लोगों को रोजगार देना तय हुआ है पर अब अधिकारियों और ठेकेदार की मनमानी चरम सीमा तक पहुंच गई है। स्थानीय लोगों को जिनकी जमीन रेलवे लाइन में गई है उन्हें रोजगार न देकर जिनका जमीन नहीं गया है उन्हें रोजगार दिया जा रहा है और परियोजना में पूर्व से कार्यरत ठेकाकर्मियों को निकाला जा रहा है, और कुछ लोगों को अन्य राज्यों से भी काम में रखा गया है।
रेलवे परियोजना से जुड़े गांव के लोगों को रोजगार के लिए एन टी पी सी के चक्कर लगाना पड़ रहा है । अधिकारियों और ठेकेदार की गहरी सांठगांठ को देखते हुए रेलवे परियोजना से जुड़े गांव के लोगों में आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो रही है और भविष्य में तलाईपल्ली की भांति यहां भी एक बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है।
नाम न छापने की शर्त पर कुछ ठेकाकर्मियों ने बताया की बाहर से आदमी लाकर रोजगार दिया जा रहा है और उनसे भर्ती के पैसे भी लिए जा रहे हैं। सूत्रों के हवाले से उनके नाम कुछ इस प्रकार है…

रामदुलारे + 10 अन्य (कोरबा)
दिलहरन धीवर (चांपा)
दीपक दिनकर (रायगढ़)
गुरुचरण सिदार (गौरबहरी)
अश्वनी गुप्ता (पुसौर)
नवीन साहू (कसडोल)
संतोष कुमार (बिहार)

जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️

Amar Chouhan

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