तबादले के बाद भी जमे अफसर, अब रायगढ़ सांसद को सौंपा ज्ञापन..

श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सौंपा पत्र, एसडीएम को कार्यमुक्त करने की मांग
प्रेस/मीडिया/न्यूज़ में इनके कार्यशैली पर छपी खबरों को किया गया प्रेषित
अमरदीप चौहान/अमरखबर : घरघोड़ा। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लाने के उद्देश्य से शासन द्वारा समय-समय पर अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाता है, लेकिन कुछ अधिकारी शासन के आदेशों की अवहेलना कर अपनी सत्ता चलाने का प्रयास करते नजर आते हैं।
ऐसा ही एक मामला घरघोड़ा में देखने को मिल रहा है, जहां अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) मोर का 27 फरवरी 2024 को ट्रांसफर आदेश जारी हुआ था। बावजूद इसके, 8 महीने बीत जाने के बाद भी उन्होंने न तो अपनी कार्यमुक्ति ली, न ही स्थानांतरित स्थान पर जॉइनिंग की।
इस स्थिति से परेशान होकर श्रमजीवी पत्रकार संघ ने सांसद राधेश्याम राठिया को पत्र सौंपते हुए एसडीएम को तुरंत कार्यमुक्त करने की मांग की है।

एसडीएम की कार्यप्रणाली से जनता में नाराजगी
पत्र में यह भी उल्लेख है कि एसडीएम मोर की कार्यप्रणाली को लेकर जनता में गहरा आक्रोश है। उन पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने और शिकायतों की सही तरीके से सुनवाई न करने जैसे आरोप हैं। उनके तबादले के बाद भी घरघोड़ा में बने रहने से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस संबंध में सांसद से अपील की गई है कि एसडीएम को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाए।
कोल ब्लॉक और मुआवजा कहीं वजह तो नहीं?
यह भी सवाल उठ रहा है कि एसडीएम का तबादला होने के बावजूद घरघोड़ा में बने रहने का कारण कहीं आस-पास के कोल ब्लॉक और करोड़ों के मुआवजे से जुड़ा तो नहीं है।
हाल ही में घरघोड़ा क्षेत्र में कोल ब्लॉक के विस्तार और उससे संबंधित मुआवजा प्रक्रिया में एसडीएम कार्यालय की अहम भूमिका है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि एसडीएम की कुर्सी छोड़ने में देरी का कारण यह मुआवजा हो सकता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि पत्रकार संघ द्वारा की गई लिखित शिकायत पर शासन और सांसद क्या कार्रवाई करते हैं और क्या अधिकारी को कार्यमुक्त किया जाता है या नहीं।