जिंदल पावर की गैस पाईप लाईन पर हाईकोर्ट ने दिया स्टे
रायगढ़। उद्योगों ने किसानों की जीवन भर की पूंजी उनकी जमीनें छीनकर उनको बेघर कर दिया। अब बची-खुची जमीन पर भी मनमानी कर कब्जा किया जा रहा है। भूमिस्वामी के हक को संरक्षित करने के लिए भूअर्जन अधिनियम लागू है। जिंदल पावर ने बिना विधिवत प्रक्रिया के किसान की भूमि पर पाइप लाइन बिछा दी। अदालत ने इस पर रोक लगाई है।
मामला तमनार के लिबरा का है। यहां जिंदल पावर लिमिटेड तमनार द्वारा गैस पाइप लाइन बिछाई जा रही है। हैरानी की बात है कि इसके लिए कोई भूअर्जन नहीं किया गया बल्कि सीधे किसान के खेतों में खुदाई कर दी गई। खसरा नंबर 512/7, 512/1ख, 375/1ग और 379/1 पर बिना भूमिस्वामी की सहमति के पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा था। इस पर भूमिस्वामी शंभू चौधरी ने आपत्ति जताई। काम फिर भी बंद नहीं किया गया तो शंभू चौधरी ने हाईकोर्ट में अपील की। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के बाद स्थगन आदेश दिया गया है। बिना सहमति के निजी भूमि पर पाइप लाइन बिछाए जाने की शिकायत पहले एसडीएम और तहसीलदार से हुई थी, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली।
तहसीलदार ने कहा-प्रस्तावित है पाईप लाइन
इस मामले में 19 जुलाई 2024 को तहसीलदार तमनार ने भी रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खसरा नंबर 512/7, 512/1 ख, 375/1 ग और 379/1 में पाइप लाइन बिछाना प्रस्तावित है लेकिन कोई निर्माण नहीं किया गया है। अगली तारीख तक हाईकोर्ट ने स्टे ऑर्डर दिया है।