बिलासपुर से आए दो ट्रेलरों ने खाली प्लॉट में डाला कोयला
पूंजीपथरा इलाके में कोयले की अफरा-तफरी जोरों पर हो रही है। खाली प्लॉटों और ढाबों में तो कोयला तस्करों की हुकूमत चल रही है। इसे कोई रोक नहीं सकता। हाल ही में बिलासपुर से कोयला लेकर रायगढ़ आए दो ट्रेलर पूंजीपथरा में एक प्लॉट में खाली हो रहे थे। पुलिस ने दोनों गाड़ियों को जब्त किया था। मामला रायगढ़ के एक उद्योग और बिलासपुर के एक डिपो से जुड़ा हुआ है। एक उद्योग ने बिलासपुर के धर्मा कोल डिपो संचालक सुनील सिंह से कोयला खरीदा। कोयला लेकर दो ट्रेलर प्लांट पहुंचे।
वहां लैब टेस्ट में क्वॉलिटी घटिया पाई गई। इसलिए कोयला रिजेक्ट कर दिया गया। ट्रांसपोर्टर ने कोयला लेकर गाड़ियों को वापस बुला लिया। इस बीच दोनों ट्रेलर पूंजीपथरा, गेरवानी में एक प्लॉट में कोयला डंप कर रहे थे। पूंजीपथरा पुलिस ने दोनों गाड़ियों को जब्त कर लिया। गाड़ी छुड़वाने के लिए ट्रांसपोर्टर ने अदालत में अपील की। कोर्ट ने पहले गाड़ी छोड़ने का आदेश दिया और उसके बाद कोयला भी उठाने की अनुमति दी। लेकिन इस मामले ने कोयले की अफरा-तफरी के खेल पर मुहर लगा दी।
कहां हुई कोयले में मिलावट
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोयले की मिक्स कोयला होने के कारण यह रिजेक्ट हो गया। जांच इसकी होनी थी कि कोयले में मिलावट कहां की गई। बिना टीपी क्लोज हुए दूसरे स्पॉट पर कोयले की डिलीवरी हो रही थी। इस पर खनिज विभाग भी कार्रवाई करता लेकिन प्रकरण नहीं भेजा गया। जबकि तमनार पुलिस ने पिछले दिनों कागजात होने और केवल रूट बदलने पर चार गाडिय़ों का प्रकरण खनिज विभाग को भेज दिया था।
क्या कहते हैं टीआई
दो गाड़ियों का कोयला रिजेक्ट हुआ था। खाली प्लॉट पर डंप करते पकड़ा गया था। अदालत के आदेश पर छोड़ा गया है।
– त्रिनाथ त्रिपाठी, टीआई, पूंजीपथरा