तमनार में जनसुनवाई के खिलाफ जनआंदोलन तेज, अब धरमजयगढ़ के हजारों ग्रामीण भी धरनास्थल पर समर्थन में पहुंचे

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
धरमजयगढ़/तमनार।
गारे–पेलमा कोयला सेक्टर-1 की प्रस्तावित कोयला खदान को लेकर चल रही जनसुनवाई के विरोध में क्षेत्रीय जनआंदोलन अब व्यापक रूप लेता जा रहा है। धरमजयगढ़ विकासखंड के कोल खदान से प्रभावित किसानों के समर्थन में शनिवार को तमनार के सीएसपी चौक धरना स्थल पर हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए। इस जनआंदोलन को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खुला समर्थन दिया।
कार्यक्रम के दौरान दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंच से एक स्वर में कहा कि जनसुनवाई जनता की सहमति का औपचारिक दिखावा बनकर रह गई है, जबकि वास्तविकता में किसानों और आदिवासियों की जमीन, जंगल और आजीविका को खतरे में डाला जा रहा है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रभावित ग्रामीणों की आपत्तियों और संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी कर कोयला परियोजना को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
तमनार सीएचपी चौक पर हुई सभा में धरमजयगढ़, तमनार और आसपास के प्रभावित गांवों से आए किसानों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओं ने पाँचवीं अनुसूची और पेसा कानून का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति के बिना किसी भी परियोजना को लागू करना असंवैधानिक है। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने इसे पर्यावरण, स्वास्थ्य और भविष्य की पीढ़ियों से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताते हुए जनआंदोलन को जिलेभर में फैलाने का आह्वान किया।
सभा के अंत में सभी संगठनों और आंदोलित ग्रामीणों ने पूरे रायगढ़ जिले के जनआंदोलनों को एकजुट करने का संकल्प लिया। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जनसुनवाई और कोयला परियोजना को निरस्त नहीं किया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।

जनसभा के दौरान नारेबाजी और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच यह संदेश साफ दिखाई दिया कि गारे–पेलमा कोयला परियोजना के खिलाफ क्षेत्र में असंतोष लगातार बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में यह जनआंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
