धौराभाठा धान मंडी में अवैध कारोबार पर प्रशासन की कड़ी नजर: कोचियों को सख्त चेतावनी, पकड़े जाने पर कठोर कार्रवाई निश्चित

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
धौराभाठा (रायगढ़)।
धान खरीदी-बिक्री के मौसम में अवैध कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जिला प्रशासन ने अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। धौराभाठा क्षेत्र, जो ओडिशा सीमा से सटे होने के कारण संवेदनशील माना जाता है, में हाल ही में हुई एक बड़ी कार्रवाई ने कोचियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। ग्राम बिजना के एक किसान द्वारा गर्मी फसल के(पुराने) 35 बोरी धान बेचने के लिए लाए जाने पर नायब तहसीलदार रश्मि पटेल ने तत्काल जप्ती की कार्रवाई की। यह कदम शासन के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए उठाया गया, जो स्पष्ट रूप से अवैध धान की आवाजाही पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बिजना गांव पहले से ही निगरानी के घेरे में है, जहां हाल ही में 951 बोरी धान की जप्ती हो चुकी है। इस क्षेत्र में लंबे समय से ओडिशा से धान लाकर स्थानीय स्तर पर खपाने की संगठित कोशिशें चल रही हैं। धौराभाठा मंडी की सीमावर्ती स्थिति इसे अवैध गतिविधियों के लिए आकर्षक बनाती है, लेकिन अब प्रशासन ने यहां विशेष चौकसी बढ़ा दी है। नियमित जांच, दस्तावेज सत्यापन, स्रोत की जांच और आकस्मिक निरीक्षण जैसे उपायों से सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी अनियमितता न बचे।

नायब तहसीलदार रश्मि पटेल ने कहा, “शासन के निर्देश स्पष्ट हैं—अवैध धान की बिक्री पर कोई रियायत नहीं। हमारी टीम हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही है, और पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जुर्माना और संपत्ति जब्ती जैसे कदम उठाए जाएंगे।” इस कार्रवाई से क्षेत्र के कोचियों में खौफ का माहौल है, और कई सूत्रों का मानना है कि इससे अवैध नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार हुआ है।
स्थानीय किसानों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन की इस सख्ती का स्वागत किया है। एक स्थानीय किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “पिछले सालों में कोचिए यहां सक्रिय थे, लेकिन अब प्रशासन की निगरानी से ईमानदार किसानों की फसल सुरक्षित महसूस हो रही है। यदि कोई अवैध कोशिश करेगा, तो पकड़ा जाना तय है।” जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि सतत निगरानी से इस समस्या को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।

प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस साल धौराभाठा मंडी और तमनार क्षेत्र में ओडिशा से आने वाले किसी भी अवैध धान पर कड़ी रोक लगाई जाएगी। सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त चेकपॉइंट्स स्थापित किए गए हैं, और किसी भी उल्लंघन पर आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कोचियों के लिए अब कोई सुरक्षित जगह नहीं बची—किसी भी स्तर पर नियम तोड़ने की कोशिश पर तत्काल कार्रवाई होगी, जिसमें वाहन जब्ती से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल है।
यह मुहिम न केवल अवैध कारोबार को रोकने में कारगर साबित हो रही है, बल्कि वैध किसानों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित कर रही है। रायगढ़ जिले में लगातार हो रही ऐसी कार्रवाइयां संकेत देती हैं कि प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यदि आप किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी रखते हैं, तो स्थानीय तहसील कार्यालय से संपर्क करें—गोपनीयता की गारंटी।
समाचार सहयोगी नरेश राठिया