धरने के बीच भरोसे की दवा: CHP चौक लिबरा में आठ दिनों से जारी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा बनी आंदोलन की संबल शक्ति

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
रायगढ़/तमनार।
तमनार जनपद पंचायत क्षेत्र के 14 गांवों के ग्रामीण 12 दिसंबर 2025 से CHP चौक, लिबरा में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह धरना 8 दिसंबर को धौरा-भांठा में आयोजित की गई कथित फर्जी पर्यावरण जनसुनवाई को निरस्त कराने की मांग को लेकर चल रहा है। महिला-पुरुष, बुजुर्ग और युवा—सभी दिन-रात धरना स्थल पर डटे हैं। ऐसे कठिन समय में स्वास्थ्य सेवा का जो मानवीय चेहरा सामने आया है, वह न केवल आंदोलनकारियों के लिए राहत बना, बल्कि सामाजिक एकता का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है।
धरना स्थल पर आरोग्य मंदिर, लिबरा (आयुष विभाग) के डॉ. राजेश पटेल के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पिछले आठ दिनों से लगातार दिन-रात निःशुल्क चिकित्सा सेवा दे रही है। उनके साथ लक्ष्मण झरिया, धोराभांठा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, तथा अन्य सहयोगी कर्मी धरनास्थल पर मौजूद रहकर ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं। दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है और मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है।
विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों को बदलते मौसम में होने वाली सामान्य लेकिन उपेक्षित समस्याओं—जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, बदन दर्द, कमजोरी—से बचाव के लिए खान-पान में सावधानी, स्वच्छता और दिनचर्या संबंधी जानकारी विस्तार से दी जा रही है। यह केवल इलाज नहीं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता का निरंतर प्रयास है, जो धरने की कठिन परिस्थितियों में लोगों के हौसले को मजबूती देता है।
इस मानवीय पहल को ब्लॉक समन्वयक श्रीमती अम्बिका चौधरी, महिला एमटी, तथा मितानिन दीदियों का सक्रिय सहयोग भी मिल रहा है। ग्रामीणों के दुःख की इस बेला में स्वास्थ्य अमला जिस समर्पण और एकजुटता के साथ खड़ा है, उसने धरना स्थल को संवेदनशीलता और भरोसे का केंद्र बना दिया है।
सेवा कार्य में कु. शाक्षी पटेल (सीएचओ) और कु. माहेश्वरी नेताम (आरएचओ) की भूमिका भी उल्लेखनीय रही। उनके नियमित निरीक्षण और उपचार ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी जरूरतमंद को समय पर सहायता मिले।
धरना-प्रदर्शन के बीच यह निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा एक सराहनीय और प्रेरक उदाहरण है—जहां जनआंदोलन के साथ प्रशासनिक व स्वास्थ्य तंत्र का मानवीय पक्ष स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह पहल बताती है कि संकट के समय सेवा, संवेदना और समन्वय ही समाज की असली ताकत होती है।
समाचार सहयोगी हरि गुप्ता