निःशुल्क सुविधा, श्रद्धा और सुशासन का संगम: भारत गौरव ट्रेन से 850 श्रद्धालु रामलला दर्शन को अयोध्या रवाना

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर/छत्तीसगढ़।
आस्था, सुविधा और सुशासन का एक सशक्त उदाहरण गुरुवार को तब देखने को मिला, जब छत्तीसगढ़ सरकार की रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत भारत गौरव स्पेशल ट्रेन राजनांदगांव रेलवे स्टेशन से अयोध्या धाम के लिए रवाना हुई। इस विशेष तीर्थयात्रा में प्रदेश के 850 श्रद्धालु शामिल हैं, जिन्हें प्रभु श्रीराम के दर्शन के साथ काशी विश्वनाथ धाम में पूजा-अर्चना का भी सौभाग्य प्राप्त होगा।
राज्य शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत यात्रियों के आवागमन, ठहरने, भोजन, चिकित्सा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी तरह निःशुल्क रखी गई हैं। श्रद्धालुओं के चेहरों पर उत्साह और संतोष स्पष्ट दिखाई दे रहा था, मानो वर्षों की कामना एक साथ पूर्ण हो रही हो।
भारत गौरव ट्रेन को छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, श्रम कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री योगेश दत्त, राजनांदगांव महापौर श्री मधुसूदन यादव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती किरण रवींद्र तथा वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री खूबचंद पारख ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अतिथियों ने श्रद्धालुओं का पुष्पमालाओं से स्वागत कर उन्हें शुभ यात्रा की मंगलकामनाएं दीं।
दुर्ग स्टेशन पर पहुंचने पर भी यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारा, जिला प्रशासन के अधिकारी, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड एवं आईआरसीटीसी के प्रतिनिधि मौजूद रहे। स्टेशन परिसर ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से गूंज उठा।
यात्रा में सम्मिलित वरिष्ठ श्रद्धालु श्री रामू साहू ने भावुक होकर कहा कि सरकार की यह पहल वास्तव में जनहितकारी है। “निःशुल्क सुविधाओं के साथ रामलला और काशी विश्वनाथ के दर्शन का अवसर मिलना हमारे जीवन का अविस्मरणीय क्षण है,” उन्होंने कहा। वहीं युवा श्रद्धालु सुश्री राधा वर्मा ने बताया कि इस योजना ने सामान्य परिवारों के लिए भी तीर्थयात्रा का सपना साकार कर दिया है। “स्टेशन से लेकर यात्रा की हर व्यवस्था बेहद सुव्यवस्थित है, इससे मन को गहरा संतोष मिला,” उन्होंने कहा।
रामलला दर्शन योजना न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त कर रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा दे रही है। यह पहल उन नागरिकों के लिए विशेष वरदान बनकर सामने आई है, जो संसाधनों के अभाव में वर्षों से तीर्थदर्शन की इच्छा मन में संजोए हुए थे। राज्य सरकार की यह कोशिश जनकल्याण और सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है।