लालच का जाल, भरोसे का कत्ल: नौकरी और गहनों के बहाने युवती से सामूहिक दुष्कर्म, दो महिलाएं भी साजिश में शामिल

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
सक्ती | 17 दिसंबर 2025
नौकरी, नए कपड़े और कान की बाली दिलाने के झांसे में फंसाकर एक 20 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस जघन्य अपराध में न सिर्फ दो युवक शामिल थे, बल्कि दो महिलाओं ने भी साजिश रचने और अपराध को अंजाम देने में सक्रिय भूमिका निभाई। मामला सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र का है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता के माता-पिता रोज़गार के सिलसिले में हैदराबाद में मजदूरी करते हैं, जबकि युवती गांव में अपने बुजुर्ग दादा-दादी के साथ रहती थी। 31 अक्टूबर 2025 की शाम वह गांव के बड़े तालाब के पास टहलने गई थी। इसी दौरान आरोपी झनकेश्वर चंद्रा एक महिला लक्ष्मी महंत उर्फ मुस्कान के साथ बाइक से वहां पहुंचा। बातचीत के दौरान युवती को कान की बाली, नए कपड़े और सक्ती में नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया गया।
लालच और भरोसे के इस खेल में फंसकर युवती आरोपियों के साथ चली गई। पहले उसे झुलकदम स्थित लक्ष्मी महंत के घर ले जाया गया, जहां करीब एक घंटे तक उसे रोके रखा गया। इसके बाद काम दिलाने का बहाना बनाकर पीड़िता को ग्राम डोंडकी ले जाया गया, जहां धनकुंवर यादव के घर रात के समय उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया।
यहां आरोप है कि झनकेश्वर चंद्रा और प्रदीप निराला ने बारी-बारी से युवती के साथ दुष्कर्म किया, जबकि लक्ष्मी महंत उर्फ मुस्कान और धनकुंवर यादव ने अपने घर में जगह देकर और हालात को अनुकूल बनाकर इस अपराध में सहयोग किया। पीड़िता के अनुसार, वह पूरी तरह असहाय थी और किसी भी तरह बच निकलने का मौका नहीं मिला।
घटना की सूचना मिलते ही मालखरौदा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। थाना प्रभारी प्रवीण राजपूत ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर ने तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस टीम ने अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर चारों आरोपियों—प्रदीप निराला (22), झनकेश्वर चंद्रा (37), लक्ष्मी महंत उर्फ मुस्कान (32) और धनकुंवर यादव (45)—को गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा अपराध स्वीकार करने के बाद सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और साक्ष्यों के आधार पर आगे भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि समाज में लालच और भरोसे का दुरुपयोग कर किस तरह कमजोर और अकेली महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही, महिलाओं की संलिप्तता ने इस अपराध को और भी अधिक भयावह बना दिया है, जिस पर समाज और कानून—दोनों को गंभीर मंथन करने की आवश्यकता है।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान