सरिया की दर्दनाक दुर्घटना से दहला अंचल: दो मासूमों की मौत ने जगाए सिस्टम की खामियां, अब सवाल—क्या बदलेगा परिवहन विभाग?

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम सारंगढ़–बिलाईगढ़, 27 नवंबर 2025
सरिया तहसील के अटल चौक में बुधवार सुबह हुआ भीषण सड़क हादसा पूरे क्षेत्र को शोक और आक्रोश में डुबो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तेज रफ्तार से दौड़ती कार ने बरपाली गांव के तीन लोगों को बेरहमी से रौंद दिया—जिसमें दो मासूम भाई-बहन की मौत हो गई और उनके पिता की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। हादसे के बाद शुरू हुआ आक्रोश इतना तीव्र था कि स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव कर घंटों चक्काजाम कर दिया।
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कैसे हुआ हादसा?—दो मासूमों की जिंदगी छीन गई
सुबह 8 से 9 बजे के बीच तेज रफ्तार कार ने
7 वर्षीय हर्षित पटेल को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया
वहीं उसकी बहन 7 वर्षीय जिया पटेल ने इलाज के दौरान रायगढ़ में दम तोड़ दिया
बच्चों के पिता मेघनाथ पटेल गंभीर रूप से घायल हैं और दोनों पैर खो चुके हैं। उनका इलाज जारी है
एक ही परिवार पर आई यह त्रासदी पूरे क्षेत्र को हिला गई है।
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आरोपी को बचाने की कोशिश और थाने का घेराव
हादसे के बाद जिस तरह से आरोपी चालक सजन अग्रवाल को बचाने का प्रयास हुआ, उसने लोगों के आक्रोश को और बढ़ा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक—
मौके पर मौजूद रिंकन अग्रवाल ने भीड़ से आरोपी सजन को बचाया
उसे पुलिस स्टेशन तक पहुंचाया
बाद में रिंकन मौके से फरार हो गया
सोशल मीडिया पर वायरल हुई आरोपी की तस्वीर—जहां वह थाने की दूसरी मंजिल पर आराम से बैठा दिखाई दे रहा था—ने गुस्से को और भड़का दिया।
क्षुब्ध भीड़ ने पुलिस थाने का घेराव किया, हालांकि पुलिस ने मुख्य गेट बंद कर दिया।
अटल चौक पर 6–7 घंटे चक्काजाम के बाद, देर शाम सजन अग्रवाल और रिंकन अग्रवाल दोनों को रायगढ़ से गिरफ्तार किया गया।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ और रायगढ़ दोनों जिलों के एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे और समझाइश के बाद जाम खुल पाया।
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बार-बार ओवरस्पीडिंग, फिर भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं—परिवहन विभाग कठघरे में
इस हादसे का सबसे महत्वपूर्ण और चिंताजनक पहलू यह है कि आरोपी चालक सजन अग्रवाल के खिलाफ—
3–4 बार ओवरस्पीडिंग के चालान काटे जा चुके थे
यह जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है
इसके बावजूद—
उसका लाइसेंस निलंबित नहीं किया गया
काउंसलिंग नहीं हुई
गाड़ी जप्त नहीं की गई
स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का स्पष्ट आरोप है कि यदि परिवहन विभाग ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो दो मासूम बच्चों की जान शायद बच जाती।
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क्या सुधार करेगा परिवहन विभाग?—सिस्टम की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल
लगातार हो रहे सड़क हादसों के बीच यह घटना साफ संदेश दे रही है कि—
सिर्फ चालान काटना समाधान नहीं
हाई रिस्क ड्राइवरों की निगरानी, लाइसेंस निलंबन, और गंभीर दंड ही हादसों पर रोक लगा सकते हैं
अब सवाल यह है कि क्या परिवहन विभाग—
ओवरस्पीडिंग चालान वालों की अलग सूची बनाकर कार्रवाई करेगा?
हाई रिस्क ड्राइवरों के लिए नया प्रोटोकॉल लागू करेगा?
या यह हादसा भी कागजी कार्रवाई में दबकर रह जाएगा?
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आगे ऐसी दुर्घटना न हो—इसके लिए क्या जरूरी है? (उपाय)
वरिष्ठ यातायात विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों के अनुसार, भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल ये कदम उठाने जरूरी हैं—
1. हाई रिस्क ड्राइवर लिस्ट का निर्माण
लगातार चालान वाली गाड़ियों और ड्राइवरों की निगरानी
लाइसेंस सस्पेंशन
अनिवार्य काउंसलिंग
दोबारा गलती पर कड़ी सजा
2. सभी मुख्य चौक-चौराहों पर स्पीड मॉनिटरिंग कैमरे
जैसे ही स्पीड लिमिट पार हो—ऑटोमेटिक चालान और लाइसेंस पर पेनल्टी प्वाइंट।
3. स्कूल रूट पर ट्रैफिक का विशेष नियंत्रण
स्कूल समय में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक
स्पीड 20–30 km/h की सीमा
सड़क किनारे चेतावनी बोर्ड और रंबल स्ट्रिप
4. परिवहन विभाग और पुलिस का संयुक्त अभियान
नियमित जांच, स्पॉट फाइन और लाइसेंस सत्यापन।
5. वाहन मालिकों की जवाबदेही तय हो
वाहन मालिक यह सुनिश्चित करें कि ड्राइवर—
प्रशिक्षित हो
नियमों का पालन करें
और नशे या लापरवाही में वाहन न चलाए
6. सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने सड़क सुरक्षा पर विशेष कार्यक्रम।
दो मासूमों की मौत और एक पिता की जिंदगी की जंग—यह सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता का प्रमाण है।
सरिया का यह दर्दनाक हादसा चेतावनी है कि यदि प्रशासनिक ढिलाई और लापरवाह ड्राइविंग पर लगाम नहीं लगी, तो सड़कें और मासूम जानें यूं ही बलिदान होती रहेंगी।
अंचल की मांग एक ही है—दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और सिस्टम में ठोस सुधार।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान