घरघोड़ा के पूर्व SDM अशोक मार्बल और पटवारी परमेश्वर नेताम पर IPC की गंभीर धाराओं में FIR का आदेश — न्यायालय ने कहा, “कानून सबके लिए समान है”

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/घरघोड़ा।
जिले की न्याय व्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मानी जा रही कार्रवाई में घरघोड़ा के पूर्व एसडीएम अशोक कुमार मार्बल और पटवारी परमेश्वर नेताम पर भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में FIR दर्ज करने का आदेश जारी हुआ है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी घरघोड़ा माननीय दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने यह आदेश लैलूंगा थाना प्रभारी को जारी करते हुए मामले की विवेचना प्रारंभ करने और अभियोग पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश वर्ष 2018 के विवादित भूमि प्रकरण में आया है, जिसे पीड़ित लैलूंगा निवासी व्यापारी अशोक कुमार अग्रवाल ने आपराधिक शिकायत (कम्प्लेन्ट फ़ाइलिंग नंबर 714/2024) के माध्यम से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। मामले की पैरवी मिश्रा चैम्बर रायगढ़ के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा एवं आशीष कुमार मिश्रा द्वारा की गई।
क्या है मामला? कैसे हुआ करोड़ों की जमीन का फर्जी सौदा
मामला ग्राम झींकाबहाल में स्थित जिंदल पावर एंड स्टील लिमिटेड की भूमि, खसरा नंबर 208, रकबा 0.773 हेक्टेयर से जुड़ा है।
अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों से जो कहानी सामने आई, वह चौंकाने वाली है—
1. सरकारी रिकॉर्ड में कूटरचना
SDM अशोक मार्बल और पटवारी परमेश्वर नेताम ने कथित रूप से—
✔ राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर की,
✔ फर्जी खसरा-बी-1 बनाया,
✔ और भूमि का स्वामी बिहारी पटेल को दर्शा दिया।
2. फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार
फर्जी स्वामित्व दिखाते हुए बिहारी पटेल के नाम ऋण पुस्तिका क्रमांक P-1318403 तैयार की गई।
3. फर्जी आधार पर जमीन का विक्रय
इन्हीं कागजातों के आधार पर 23 जनवरी 2018 को जमीन को अशोक अग्रवाल के नाम 11,84,000 रुपये में बेच दिया गया। रजिस्ट्री भी इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर हो गई।
4. खरीददार के नाम फर्जी नामांतरण
यहां तक कि खरीददार अग्रवाल के नाम पर भी फर्जी नामांतरण और नई ऋण पुस्तिका क्रमांक P-2551631 जारी कर दिया गया
जब खुला फर्जीवाड़ा — जमीन जिंदल पावर के नाम निकली
15 सितंबर 2023 को जब खरीददार ने ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड निकाला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई—
जमीन वेणूधर वल्द ईश्वर के नाम पर दर्ज मिली।
पड़ताल आगे बढ़ी तो पता चला कि वर्ष 2017 के रिकॉर्ड में यह जमीन असल में जिंदल पावर लिमिटेड के नाम थी।
बिहारी पटेल के नाम जमीन कभी दर्ज ही नहीं थी।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस क्यों चुप?
पीड़ित ने थाना लैलूंगा और एसपी रायगढ़ से शिकायत की, परंतु—
➡ आरोपी SDM अशोक मार्बल के प्रभाव,
➡ और प्रशासनिक दबाव
के कारण FIR दर्ज नहीं की जा सकी।
निराश होकर पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अदालत का मजबूत और ऐतिहासिक आदेश
अदालत ने दस्तावेजों और तर्कों का विस्तृत अध्ययन करते हुए लगभग 8 पृष्ठों का आदेश जारी किया और कहा—
“एसडीएम और पटवारी सहित चारों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध सिद्ध होते हैं। FIR दर्ज कर विवेचना की जाए।”
आरोपित व्यक्तियों पर निम्न धाराओं में एफआईआर के आदेश दिए गए—
420 – cheating (धोखाधड़ी)
419 – प्रतिरूपण द्वारा धोखा
467 – जालसाजी (भूमि दस्तावेज)
468 – कूटरचित दस्तावेज तैयार करना
471 – फर्जी दस्तावेज का उपयोग
120B – आपराधिक साजिश
आरोपितों में शामिल—
1. पूर्व SDM अशोक कुमार मार्बल
2. पटवारी परमेश्वर नेताम
3. जमीन विक्रेता बिहारी पटेल
4. बिक्रीपत्र गवाह सुरेंद्र गुप्ता
पीड़ित और वकीलों की प्रतिक्रिया
पीड़ित अशोक अग्रवाल ने कहा—
“मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था। न्याय मिला, यह सत्य और न्याय की जीत है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक–आशीष मिश्रा ने कहा—
“यह आदेश उन प्रशासनिक अधिकारियों के लिए संदेश है जो अपने पद का दुरुपयोग करते हैं। कानून की नजर में सब समान हैं।”
SDM मार्बल पर पहले से कई गंभीर मामले लंबित
यह पहला मामला नहीं है।
SDM अशोक मार्बल—
✔ भू-अर्जन घोटाला में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) रायपुर में जांच का सामना कर रहे हैं।
✔ बजरमुड़ा जमीन घोटाला में भी उन पर कार्रवाई का आदेश कलेक्टर रायगढ़ दे चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, विभागीय उच्च अधिकारी भी अब उनकी गिरफ्तारी को लेकर सक्रिय हो चुके हैं।
न्यायपालिका ने दिखाई सख्ती, प्रशासन पर सवाल
इस मामले ने यह साबित कर दिया कि—
➡ राजस्व विभाग में फर्जीवाड़ा गहराई तक फैला है,
➡ प्रशासनिक पद का दुरुपयोग करके जमीन खरीददारों को ठगा जा सकता है,
➡ परंतु न्यायालय ऐसे मामलों में निर्णायक भूमिका निभाने से नहीं हिचकता।
घरघोड़ा का यह मामला अब पूरे जिले में एक मिसाल की तरह देखा जा रहा है कि—
“भ्रष्टाचार चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, कानून उससे ज्यादा ताकतवर है।”
समाचार सहयोगी हरीश चौहान