आयुष्मान कार्ड में गड़बड़ियों पर लगेगी लगाम: अब इलाज का पूरा हिसाब आएगा मरीज के मोबाइल पर, फर्जी बिलिंग पर होगी तुरंत कार्रवाई

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में बढ़ते फर्जीवाड़ों पर नियंत्रण के लिए अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जल्द ही देश के बैंकिंग सिस्टम की तरह एक ऐसा अलर्ट मैकेनिज़्म तैयार किया जाएगा, जिसके तहत हर इलाज, जांच और क्लेम की जानकारी मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर तुरंत भेजी जाएगी।
इस सिस्टम के लागू होते ही अस्पतालों द्वारा की जा रही अतिरिक्त बिलिंग, अनावश्यक जांच और फर्जी क्लेम पर तत्काल रोक लग सकेगी।
फर्जीवाड़े का खुलासा: ऑडिट में सामने आए थे गंभीर मामले
स्वास्थ्य विभाग को बीते महीनों में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि—
कैशलेस इलाज के बावजूद मरीजों से अतिरिक्त पैसे वसूले जा रहे हैं
कार्ड पर बिना जानकारी के उपचार दिखाकर राशि काट ली जाती है
कई मरीजों को महीनों बाद पता चलता था कि उनका कार्ड ब्लॉक है
हालिया ऑडिट में ऐसे कई अनियमित मामले उजागर हुए। कार्रवाई करते हुए विभाग ने चार निजी अस्पतालों को एक–एक वर्ष के लिए निलंबित किया और भारी जुर्माना भी लगाया।
इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि आयुष्मान योजना की निगरानी व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।
हर महीने 150 करोड़ के क्लेम, शिकायतों ने बढ़ाई चिंता
आयुष्मान और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत—
सरकारी और निजी अस्पताल
हर महीने लगभग 150 करोड़ रुपये के क्लेम भेजते हैं
ऑनलाइन ऑडिट के बावजूद गड़बड़ियाँ रुक नहीं रही थीं। विभाग का मानना है कि जब तक मरीजों को हर लेनदेन की तुरंत जानकारी न मिले, फर्जी बिलिंग को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता।
अब अस्पताल की हर गतिविधि का डिजिटल रिकॉर्ड मरीज तक तुरंत पहुँचेगा
नए सिस्टम के बाद मरीज के फोन पर रियल टाइम में ये जानकारियाँ आएँगी—
किस अस्पताल में उनका कार्ड प्रयोग हुआ
कौनसी जांच या इलाज दर्ज किया गया
कितनी राशि स्वीकृत/काटी गई
कार्ड ब्लॉक/अनब्लॉक की स्थिति
क्लेम की एंट्री किसके नाम पर हुई
यह व्यवस्था पूरी तरह स्वचालित और पारदर्शी होगी, जिससे जालसाजी करने वालों पर तत्काल नकेल कस सकेगी।
शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन उपलब्ध
किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत के लिए मरीज सीधे संपर्क कर सकते हैं—
टोल–फ्री नंबर 104
स्वास्थ्य हेल्पलाइन 14555
नया सिस्टम सक्रिय होने के बाद शिकायतों के निपटारे में तेजी आएगी और अस्पतालों पर निगरानी मजबूत होगी।
यह नई व्यवस्था क्यों जरूरी थी?
स्वास्थ्य योजनाओं में बढ़ रहे फर्जीवाड़े ने गरीब और जरूरतमंद मरीजों को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाया।
समस्याएं यह थीं—
अनावश्यक जांच दिखाकर राशि काट लेना
कार्ड पर बिना उपचार के बिलिंग
मरीज को जानकारी तक न होना
समय पर इलाज न मिल पाना
यही कारण है कि विभाग ने रियल टाइम SMS अलर्ट सिस्टम को अनिवार्य करने का फैसला लिया है।
मरीजों को क्या फायदा होगा?
अस्पताल में क्या हो रहा है, यह तुरंत फोन पर दिखेगा
अतिरिक्त पैसा काटने की स्थिति में उसी वक्त शिकायत कर सकेंगे
फर्जी इलाज दिखाकर क्लेम लेने वालों पर आसानी से कार्रवाई हो सकेगी
कार्ड ब्लॉक होने की जानकारी समय पर मिलेगी
यह सिस्टम खासतौर पर उन मरीजों के लिए राहत लेकर आएगा, जिनके कार्ड का दुरुपयोग वर्षों से बड़ी समस्या बना हुआ था।