अब जमीन का मिलेगा ज्यादा दाम: नए गाइडलाइन रेट से कोयला खदान और एयरपोर्ट वाले गांवों में बढ़ी उम्मीद

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
जिले में जमीन की कीमतों को लेकर बड़ी खबर आई है। सरकार ने नए गाइडलाइन रेट जारी कर दिए हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि अब जिन गांवों में कोयला खदान, एयरपोर्ट, प्लांट, सड़क या रेल लाइन के लिए जमीन ली जाएगी, वहां ग्रामीणों को पहले से कई गुना ज्यादा मुआवजा मिलेगा। पहले कंपनियां कम रेट दिखाकर जमीन ले लेती थीं, लेकिन अब ऐसा कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
पहले गाइडलाइन की दरें बहुत कम थी, जिस कारण मुआवजा भी कम मिलता था। जमीन की कीमत कम दिखती थी और चार गुना मुआवजा भी बहुत ज्यादा नहीं बन पाता था। लेकिन अब सरकारी रेट बढ़ जाने से मुआवजा भी अपने आप बढ़ जाएगा। इसका असर पूरे रायगढ़ जिले में पड़ेगा—खासकर तमनार, धरमजयगढ़, खरसिया और घरघोड़ा ब्लॉक में।
उदाहरण के तौर पर खरसिया के बर्रा क्षेत्र को देखिए—पहले यहां सड़क किनारे की जमीन की कीमत करीब 10.71 लाख रु/हेक्टेयर यानी लगभग 4.5 लाख रु/एकड़ लगती थी। मुआवजे में यह बढ़कर लगभग 40 लाख तक जाता था। लेकिन अब वही जमीन 41 लाख रु/हेक्टेयर यानी 17 लाख रु/एकड़ की हो गई है। नए नियम के हिसाब से अब मुआवजा 68 लाख रु/एकड़ तक पहुंच सकता है। यह गांव वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
रायगढ़ जिले में जल्द ही करीब 15 नई कोयला खदानें शुरू होने वाली हैं—जैसे दुर्गापुर-सरिया, बायसी, पुरुंगा, जरेकेला, बनई-भालुमुड़ा और गारे-पेलमा सेक्टर-1 आदि। इन सभी जगहों पर जब भी जमीन ली जाएगी, कंपनियों को पहले की तुलना में अब कई गुना अधिक पैसा देना पड़ेगा। इससे एक तरफ कंपनियों की लागत बढ़ेगी, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण जमीन मालिकों को स्पष्ट फायदा मिलेगा।
नए रेटों का असर सिर्फ कोयला खदानों पर ही नहीं, बल्कि कोंड़ातराई एयरपोर्ट पर भी पड़ेगा। उदाहरण के लिए कोंड़ातराई गांव में सड़क किनारे की जमीन पहले 28 लाख रु/हेक्टेयर थी, जिसे अब बढ़ाकर 1.09 करोड़ रु/हेक्टेयर कर दिया गया है। गांव के अंदर की जमीन भी पहले 14 से 22 लाख रु/हेक्टेयर थी, जो अब बढ़कर 68 लाख रु/हेक्टेयर हो गई है। जमीन की कीमत 3 से 5 गुना तक बढ़ जाने से गांव वालों को अब कहीं ज्यादा मुआवजा मिलने वाला है।
कुछ गांवों में जमीन अधिग्रहण की धारा पहले से प्रकाशित हो चुकी है, वहां पुराने रेट ही लागू होंगे। लेकिन जिन प्रोजेक्ट में अभी प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है, वहां 100% नया रेट लागू होगा, और चार गुना मुआवजा भी इसी नए रेट पर तय होगा।
नए गाइडलाइन रेटों से ग्रामीण इलाकों में उम्मीद बढ़ गई है। जिन परिवारों ने सालों पहले बहुत कम दाम पर जमीन दे दी थी, वे अब कह रहे हैं—“सरकार को यह बदलाव पहले करना चाहिए था।” वहीं जिन गांवों में अब जमीन ली जानी है, वहां लोग राहत और संतोष दोनों जता रहे हैं, क्योंकि उनकी जमीन की असली कीमत अब सामने आ रही है।
सरकार के इस फैसले का असर आने वाले महीनों में साफ दिखेगा। नए कोयला प्रोजेक्ट और एयरपोर्ट कार्य अब पहले की तुलना में महंगे जरूर पड़ेंगे, लेकिन स्थानीय लोगों की जिंदगी में आर्थिक सुधार की सम्भावना पहले से ज्यादा बढ़ गई है।
डेस्क रिपोर्ट