जिंदल पावर की गारे–पेलमा कोलफील्ड परियोजना पर 8 दिसंबर को जनसुनवाई: रायगढ़ में तेज हुई औद्योगिक विस्तार की तैयारी

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। रायगढ़ जिले में प्रस्तावित बड़े औद्योगिक निवेश और खनन गतिविधियों के बीच जिंदल पावर लिमिटेड की महत्वाकांक्षी गारे–पेलमा ओपन एवं अंडरग्राउंड कोलफील्ड परियोजना को लेकर पर्यावरणीय प्रक्रिया ने रफ़्तार पकड़ ली है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने इस परियोजना पर जनसुनवाई की तारीख विधिवत घोषित कर दी है, जिससे औद्योगिक उद्यमों के लिए प्रशासनिक स्तर पर तेजी साफ दिखाई दे रही है।
3020 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रस्तावित यह परियोजना 15 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) उत्पादन क्षमता वाली है और राज्य के ऊर्जा एवं औद्योगिक ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान करने की क्षमता रखती है। हालांकि, इसके साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव, वनाधिकार, विस्थापन और स्थानीय आजीविका जैसे मसले फिर एक बार जनचर्चा के केंद्र में आने की संभावना है।
8 दिसंबर को होगी जनसुनवाई
पर्यावरण मंडल द्वारा जारी सूचना के अनुसार जनसुनवाई सोमवार, 8 दिसंबर 2025 सुबह 11 बजे ग्राम धौराभाठा स्थित वीकली मार्केट चौक (शासकीय हाई स्कूल के पास) में आयोजित की जाएगी। इस दौरान परियोजना के पर्यावरणीय प्रभावों, सामाजिक पहलुओं और संभावित जोखिमों पर स्थानीय निवासियों को अपनी आपत्तियाँ, सुझाव और टिप्पणी दर्ज कराने का अवसर मिलेगा।
15 दिनों के भीतर दर्ज कराई जा सकती हैं आपत्तियाँ
मंडल ने स्पष्ट किया है कि इच्छुक नागरिक अपनी लिखित टिप्पणियाँ—सुझाव, आपत्तियाँ या पर्यावरणीय चिंता—15 दिनों के भीतर
क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण संरक्षण मंडल, मथौखला रायगढ़ में प्रस्तुत कर सकते हैं। जनसुनवाई के दिन केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सभी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा, जिसमें सुरक्षा, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर विशेष ज़ोर है।
ईआईए रिपोर्ट सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध
परियोजना की ड्राफ्ट EIA रिपोर्ट (अंग्रेजी) तथा गैलरी सार रिपोर्ट (हिंदी एवं अंग्रेजी) क्षेत्र में कई स्थानों पर उपलब्ध कराई गई है, ताकि ग्रामीण, जागरूक नागरिक और सामाजिक संगठन रिपोर्टों का अध्ययन कर सकें। ये प्रतियां निम्न स्थानों पर उपलब्ध हैं—
कलेक्टर कार्यालय, रायगढ़
जिला पंचायत, रायगढ़
जिला पंचायत, तमनार
संबंधित ग्राम पंचायतें
पर्यावरण संरक्षण मंडल के कार्यालय, रायपुर व रायगढ़
स्थानीय स्तर पर बढ़ी हलचल
गारे–पेलमा सेक्टर की परियोजनाएँ बीते कई वर्षों से विवादों और विरोध का केंद्र रही हैं। वनाधिकार, विस्थापन, रोजगार और पर्यावरण सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर ग्रामीणों की आपत्तियाँ बार–बार सामने आई हैं। आगामी जनसुनवाई को लेकर एक बार फिर स्थानीय स्तर पर चर्चाएँ तेज हो रही हैं, वहीं औद्योगिक क्षेत्र इसे विकास के नए दौर की शुरुआत के रूप में देख रहा है।
अमरखबर परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं, जनसुनवाई और स्थानीय प्रतिक्रिया की सतत निगरानी करता रहेगा।
समाचार सहयोगी सिकंदर/हरीश चौहान की रिपोर्ट