दुर्गापुर एसईसीएल खनन परियोजना पर बढ़ता विवाद: सर्वेक्षण के बीच ग्रामवासियों में उबाल, तनाव की आशंका

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम धरमजयगढ़ क्षेत्र में एसईसीएल की प्रस्तावित दुर्गापुर कोयला खनन परियोजना एक बार फिर स्थानीय विरोध की तीखी लपटों में घिर गई है। प्रभावित ग्राम—दुर्गापुर, शाहपुर, धरमजयगढ़, तराईमा, बायसी सहित कई क्षेत्रों के निवासियों ने प्रशासन द्वारा जारी डूबान और वृक्षाच्छादित सर्वेक्षण को अवैध बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह क्षेत्र पेसा कानून के दायरे में आता है, जहाँ ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई भी खनन गतिविधि या सर्वेक्षण विधिसम्मत नहीं है। इसके बावजूद सर्वेक्षण को आगे बढ़ाया जाना ग्रामीणों के अधिकारों की अनदेखी माना जा रहा है।

ग्रामवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी के प्रतिनिधि लंबे समय से भ्रम फैलाकर किसानों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि ग्रामसभाओं में पहले ही खनन परियोजना का विरोध दर्ज किया जा चुका है। तराईमा और शाहपुर में हुई बैठकों में ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी भूमि कंपनी को नहीं देंगे। तराईमा में तो ग्रामीणों ने सर्वेक्षण दल को प्रवेश तक नहीं करने दिया, जबकि शाहपुर में रातों-रात बैठक बुलाकर प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए। इससे स्पष्ट है कि जमीनी स्तर पर असंतोष तेज़ी से बढ़ रहा है।

स्थानीय संगठनों का कहना है कि प्रशासन प्रभावित समुदायों को विश्वास में लिए बिना “दबावपूर्ण सर्वे प्रक्रिया” आगे बढ़ा रहा है, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है। कई ग्रामों में लगातार बैठकों का दौर जारी है और लोग इसे अपने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन और कंपनी ने सर्वेक्षण व भूमि मापन जैसे प्रयास जारी रखे, तो क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट