कोरे कागज़ पर किए फर्जी हस्ताक्षर से संपत्ति हड़पने की कोशिश — घरघोड़ा थाने में शिकायत दर्ज, उठी जांच की मांग

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/घरघोड़ा।
घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम देवगढ़ में पारिवारिक संपत्ति को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। स्वर्गीय सोनामती चौहान के उत्तराधिकारियों ने महेंद्र कुमार पाल, निवासी कुनकी कलां शांतिपारा बतौली पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने सोनामती के कोरे कागज़ पर जाली हस्ताक्षर कर खुद को उनका निवासी और लाभार्थी दिखाने का प्रयास किया।
आवेदिका जमनादाई, रजनी, रोहणी और रूपवती चौहान ने थाना घरघोड़ा में लिखित आवेदन देकर इस पूरे मामले में फर्जीवाड़े की जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पारिवारिक संपत्ति और जीपीएफ की रकम को लेकर विवाद
आवेदन के अनुसार, स्वर्गीय सोनामती चौहान, पत्नी स्व. हलसाय चौहान, ग्राम देवगढ़, थाना घरघोड़ा की निवासी थीं।
उनके पति स्वर्गीय हलसाय चौहान ने अपनी सेवाकाल के दौरान लगभग 10 एकड़ जमीन खरीदी थी, और सेवानिवृत्ति के बाद का जीपीएफ (GPF) का 8,96,000 रुपये का भुगतान उनके नाम पर प्राप्त हुआ था।
सोनामती चौहान को नियमित पेंशन भी प्राप्त होती थी और उन्होंने स्टेट बैंक घरघोड़ा में एक लाख रुपये की सावधि जमा (FD) भी कर रखी थी, जिसकी नॉमिनी उनकी पुत्री राजकुमारी थीं।
परिवार में उनकी चार बेटियाँ — जमुनादाई, रजनी, राजकुमारी और रूपमती — शामिल हैं। परिवार के बताये अनुसार, सोनमती अपनी मृत्यु तक आर्थिक रूप से संपन्न थीं और देवगढ़ स्थित अपने घर में रहकर जीवनयापन करती थीं।


महेंद्र पाल पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया है कि महेंद्र कुमार पाल, जो कि कुनकीकलां, शांतिपारा बतौली के निवासी हैं, ने कोरे कागज़ पर सोनमती चौहान के फर्जी हस्ताक्षर कर एक दस्तावेज तैयार किया, जिसमें उन्होंने खुद को सोनमती का वसीयतदार और प्रतिनिधि बताया।
आवेदिका ने कहा कि —
> “महेंद्र पाल का हमारी माता से कोई सेवा संबंध या पारिवारिक जुड़ाव नहीं था। वह उनकी देखरेख नहीं करते थे, फिर भी उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर संपत्ति हड़पने का प्रयास किया।”
आवेदिका ने यह भी उल्लेख किया है कि सोनामती के वास्तविक हस्ताक्षर एसबीआई शाखा घरघोड़ा में उपलब्ध हैं, जिनसे मिलान करने पर जालसाजी स्पष्ट हो जाएगी।
घरघोड़ा थाना प्रभारी से जांच और कार्रवाई की मांग
परिवार ने घरघोड़ा थाना प्रभारी से महेंद्र कुमार पाल के विरुद्ध जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई की मांग की है।
साथ ही, उन्होंने अपनी माँ की वसीयत की प्रति भी आवेदन के साथ संलग्न की है ताकि दस्तावेज़ों की सत्यता की तुलना की जा सके।
परिवार का कहना है कि यह सिर्फ उनकी माँ के सम्मान या संपत्ति का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह न्याय और सत्य की रक्षा का मामला है।

जांच के बाद खुलेंगे कई राज़
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आवेदन प्राप्त हो चुका है और प्राथमिक जांच के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
यदि हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच में फर्जीवाड़ा साबित हुआ, तो आरोपी पर BNS की धाराओं 318(धोखाधड़ी), 336(दस्तावेजों की जालसाजी) और 338(धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत कार्यवाई संभव है।
घरघोड़ा का यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक संपत्ति विवाद का उदाहरण है, बल्कि यह बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता और दस्तावेजी जागरूकता की कमी के कारण किस तरह कुछ लोग वृद्ध या दिवंगत व्यक्तियों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
बहरहाल अब सबकी नज़र पुलिस जांच पर हैं।
समाचार सहयोगी रामेश्वर चौहान की रिपोर्ट