जशपुर में फिर जागा अंधविश्वास का जिन्न — टोनही बताकर महिला से मारपीट, ASI समेत आठ आरोपी गिरफ्तार, बैगा फरार

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम जशपुर।
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाला अंधविश्वास का मामला सामने आया है। दुलदुला थाना क्षेत्र के ग्राम भिंजपुर में शनिवार तड़के एक 53 वर्षीय महिला को टोनही बताकर बेरहमी से पीटा गया। आरोपियों में एक पुलिस अधिकारी सहित आठ लोग शामिल हैं, जिन्हें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि घटना को भड़काने वाला कथित बैगा और उसके साथी अब भी फरार हैं।
“तुमने मेरी मां को जादू-टोना से मारा है”
थाना दुलदुला में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता फ़ौसी बाई (53 वर्ष) निवासी भिंजपुर शनिवार सुबह करीब 4 बजे अपने घर में थी, तभी कुछ लोग उसके दरवाजे पर शोर मचाने लगे। जब उसने दरवाजा नहीं खोला, तो आरोपियों ने दरवाजा तोड़ दिया और घर में घुसकर उस पर हमला कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि आरोपी चिल्ला रहे थे —
> “तू टोनही है! तूने मेरी मां को जादू-टोना से मार दिया है, अब उसे जिंदा करना पड़ेगा।”
आरोपियों ने उसके बाल पकड़कर घसीटा और लाठी-डंडों से मारपीट की। शोर सुनकर उसके बेटे और बेटी ने किसी तरह मां को बचाया और पुलिस को सूचना दी।
अंधविश्वास ने ली हिंसक शक्ल
जांच में सामने आया कि घटना की जड़ अंधविश्वास है। आरोपी फूलचंद भगत, जो रायपुर में सहायक उप निरीक्षक (ASI) के पद पर पदस्थ है, की पत्नी सुनीता भगत का हाल ही में निधन हुआ था।
परिजनों ने एक बैगा (तांत्रिक) से संपर्क किया जिसने दावा किया कि वह मृतका को पुनर्जीवित कर सकता है। कथित बैगा ने तंत्र-मंत्र के बाद कहा कि सुनीता की मौत “फ़ौसी बाई के जादू-टोना” से हुई है।
इसके बाद फूलचंद भगत अपने परिजनों और गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर फ़ौसी बाई के घर पहुँचा और उस पर हमला कर दिया।
आठ आरोपी गिरफ्तार, बैगा की तलाश जारी
पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों में सभी आठ मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:
1️⃣ गायत्री भगत (30 वर्ष)
2️⃣ फूलचंद भगत (55 वर्ष) — ASI, रायपुर
3️⃣ विष्णु भगत (45 वर्ष)
4️⃣ अनिता भगत (40 वर्ष)
5️⃣ रमेश भगत (45 वर्ष)
6️⃣ ललिता भगत (40 वर्ष)
7️⃣ अंजना मिंज (35 वर्ष)
8️⃣ तेलेस्फोर मिंज (50 वर्ष)
इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएँ 296, 351(2), 115(2), 333, 190, 191(2) और छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
वहीं, बैगा और उसके साथी फरार हैं। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापे मारना शुरू कर दिया है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है।
पुलिस टीम की त्वरित कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी निरीक्षक कृष्ण कुमार साहू के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसमें प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे, चंपा पैंकरा, अकबर चौहान, बसनाथ साहनी, विनोद राम, महिला आरक्षक सपना इंदवार और रीना केरकेट्टा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सभी आरोपियों को शनिवार शाम तक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
एसएसपी जशपुर शशि मोहन सिंह ने कहा —
> “किसी को टोनही बताना या उस पर अत्याचार करना न सिर्फ अंधविश्वास है, बल्कि कानून के तहत गंभीर अपराध है।
दुलदुला पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
आम नागरिकों से अपील है कि वे ऐसे कृत्यों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की अंधविश्वासजनित हिंसा की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।”
सामाजिक सन्देश
यह मामला सिर्फ एक महिला पर अत्याचार नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज में अब भी जीवित अंधविश्वास और अशिक्षा का प्रतीक है।
एक पुलिस अधिकारी द्वारा ऐसे कृत्य में शामिल होना यह दर्शाता है कि जागरूकता की कमी केवल गाँवों तक सीमित नहीं।
अब सवाल यह है —
जब कानून सख्त है, प्रचार अभियान जारी हैं, फिर भी टोनही जैसी कुप्रथा क्यों ज़िंदा है?
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट