घरघोड़ा में प्रशासनिक तैयारियों की लगी क्लास: सांसद खेल महोत्सव और फौती नामांतरण पर एसडीएम ने दिए सख्त निर्देश

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा। जनपद पंचायत सभागार भवन में सोमवार को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता घरघोड़ा एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी (आईएएस) ने की। बैठक में आगामी सांसद खेल महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ अविवादित फौती नामांतरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में शिक्षा विभाग, जनपद पंचायत विभाग, एवं क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचिव बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। वहीं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार चौधरी, विकास खंड शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह, तथा तहसीलदार मनोज कुमार गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद रहे।
खेल महोत्सव को लेकर तैयारी में जुटा प्रशासन
एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी ने बताया कि आगामी 6 से 8 नवम्बर तक सांसद खेल महोत्सव का आयोजन घरघोड़ा क्षेत्र में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन युवाओं में खेल भावना, टीम स्पिरिट और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाने का माध्यम बनेगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि—
खिलाड़ियों के लिए मैदान की तैयारी,
आवास, भोजन, पेयजल,
तथा चिकित्सा सुविधा जैसी सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँ।
एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि “खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए, आयोजन प्रशासन की साख से जुड़ा है।”
डिजिटल माध्यम से सिखाई फौती नामांतरण की प्रक्रिया
बैठक के दूसरे चरण में तहसीलदार मनोज कुमार गुप्ता ने डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से अविवादित फौती नामांतरण की पूरी प्रक्रिया का प्रायोगिक प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीकी साधनों के उपयोग से यह प्रक्रिया अब तेज़, पारदर्शी और समयबद्ध हो गई है।
उन्होंने उपस्थित सचिवों और कर्मचारियों से कहा कि वे इस प्रक्रिया को बेहतर समझें और अपने-अपने क्षेत्र में आम जनता को अधिकतम सुविधा प्रदान करें।
पारदर्शिता और जनहित सर्वोपरि
बैठक के समापन पर एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रत्येक अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी और समयसीमा में पालन करें ताकि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ आमजन तक प्रभावी रूप से पहुँच सके।
उन्होंने कहा, “सरकार की योजनाएँ तभी सफल होंगी जब हम अपने स्तर पर जिम्मेदारी से काम करेंगे। जनता का विश्वास ही प्रशासन की सबसे बड़ी पूँजी है।”
समाचार सहयोगी प्रेम अग्रवाल की रिपोर्ट