रहस्यमय मौत: जिंदल प्लांट के श्रमिक की डेम किनारे लाश मिली, परिजनों ने कहा — “यह आत्महत्या नहीं, हत्या है”

🕯️ तीन दिन से लापता था प्रभुनाथ चौहान, मोटरसाइकिल भी पास में मिली लावारिस — पुलिस जांच में जुटी, पीएम रिपोर्ट से खुलेगा राज
एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/कोतरारोड़।
रविवार की सुबह रायगढ़ जिले के कोतरारोड़ थाना क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब डेम किनारे एक युवक का शव संदिग्ध हालात में मिला। मृतक की पहचान प्रभुनाथ चौहान (43 वर्ष) के रूप में हुई है, जो जिंदल प्लांट में श्रमिक के तौर पर काम करता था।
परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है और कहा है कि प्रभुनाथ को मारकर शव को डेम किनारे फेंक दिया गया है।
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📍 कौन था प्रभुनाथ चौहान
मूल रूप से जैजेपुर का रहने वाला प्रभुनाथ बीते सात वर्षों से कोसमपाली गांव के पास श्रमिक विहार में रहता था और जिंदल प्लांट में ठेका श्रमिक के रूप में काम करता था।
वह मेहनती और शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया जा रहा है।
तीन दिन पहले यानी गुरुवार दोपहर से वह लापता था, और परिवार लगातार उसकी तलाश कर रहा था।
बीती रात परिवार ने कोतरारोड़ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन रविवार सुबह उसकी लाश डेम किनारे पड़ी मिली।
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🚨 डेम किनारे मिला शव, पास में खड़ी मिली मोटरसाइकिल
सुबह जब उच्चभिट्ठी गांव के कुछ लोग डेम की ओर टहलने गए तो उन्होंने किनारे एक शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
थोड़ी ही देर में मौके पर भारी भीड़ जुट गई।
शव के पास ही प्रभुनाथ की मोटरसाइकिल लावारिस हालत में खड़ी मिली।
स्थानीय लोगों का कहना है कि डेम के पास हमेशा चहल-पहल रहती है, इसलिए यह संदेह और गहरा हो गया है कि शव यहां कहीं और से लाकर फेंका गया होगा।
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🔬 फॉरेंसिक टीम ने किया निरीक्षण, शव एक दिन पुराना
जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज और फॉरेंसिक विशेषज्ञ पी.एस. भगत की टीम मौके पर पहुंची।
मर्ग पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
फॉरेंसिक टीम ने प्राथमिक जांच में पाया कि शव लगभग एक दिन पुराना है।
पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
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🧩 परिवार ने जताई हत्या की आशंका
मृतक के बड़े भाई ने बताया —
> “13 अक्टूबर को हमारी मां का रायगढ़ के एक अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था। उस दिन चारों भाई अस्पताल में थे।
गुरुवार दोपहर के बाद से प्रभुनाथ का फोन बंद हो गया और संपर्क नहीं हो पाया।
हमने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई, लेकिन अब जो हालात हैं, उन्हें देखकर साफ लगता है कि उसे कहीं और मारकर शव यहां फेंका गया है।”
परिजन यह भी कह रहे हैं कि प्रभुनाथ की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, इसलिए यह किसी योजनाबद्ध साजिश का परिणाम हो सकता है।
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👮♂️ पुलिस ने कही यह बात
डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने बताया —
> “उच्चभिट्ठी गांव के पास डेम किनारे युवक का शव मिला है।
पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हत्या है या दुर्घटना या आत्महत्या।
फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है और मृतक के संपर्कों की पड़ताल शुरू कर दी गई है।”
पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज, मोबाइल कॉल डिटेल और गुमशुदगी रिपोर्ट के ब्योरे को भी जांच में शामिल किया है।
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🧠 स्थानीयों की चिंता — सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद कोतरारोड़ क्षेत्र के लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना है।
लोगों का कहना है कि डेम क्षेत्र में रात के समय कोई गश्त नहीं होती, जबकि आसपास मजदूर और स्थानीय परिवार रहते हैं।
क्षेत्रवासी मांग कर रहे हैं कि पुलिस डेम और औद्योगिक क्षेत्र के आसपास रात्री गश्त बढ़ाए।
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⚖️ सवाल अभी खुले हैं…
क्या प्रभुनाथ की हत्या कर शव फेंका गया?
क्या यह औद्योगिक श्रमिकों से जुड़ा विवाद है?
क्या मोबाइल लोकेशन और CCTV से सुराग मिल सकेगा?
इन सभी प्रश्नों का उत्तर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी जांच के बाद ही सामने आएगा।
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🕯️ एक मजदूर की मौन मौत — और कई अनकहे सवाल
रायगढ़ का औद्योगिक चेहरा जहां दिन-रात चमकता है, वहीं कभी-कभी ऐसी मौतें उस उजाले के पीछे का अंधेरा दिखा देती हैं।
प्रभुनाथ की मौत सिर्फ एक जांच का मामला नहीं, बल्कि उस श्रमिक वर्ग की असुरक्षा का आईना है जो हर दिन उद्योगों की दीवारें खड़ी करता है — और कई बार चुपचाप उन्हीं के साये में गायब हो जाता है।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट