500 ग्रामीणों को मिला डिजिटल और फाइनेंशियल साक्षरता का प्रशिक्षण – लैलुंगा विकासखंड के कई गांवों में चला अभियान

आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीणों में जागरूकता का संचार।
सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम लैलुंगा (छत्तीसगढ़), लैलुंगा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामों — केन्दाटिकरा, गेमकेला, पाकरगांव, भवानीपुर, धाप, सलकिया, झरन, बुलडेगा, गहनाझरिया, कुर्रा, राजपुर, भेलवाटोईल आदि — में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के तहत एक विशेष डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किया गया, जिसमें कुल 500 से अधिक ग्रामीणों को प्रशिक्षण मिला।
इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को रोजमर्रा की डिजिटल और वित्तीय जरूरतों से जुड़ी अहम जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष रूप से फोकस किया गया:
• डिजिटल उपकरणों का उपयोग
• साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय
• OTP शेयरिंग से जुड़ी सतर्कता
• ATM के सुरक्षित प्रयोग की विधि
• ऑनलाइन बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया
• UPI के माध्यम से सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजैक्शन
• बचत के विभिन्न विकल्प जैसे FD, EMI, और निवेश की जानकारी
• बीमा योजनाएं: स्वास्थ्य बीमा, वाहन बीमा एवं दीर्घकालिक निवेश के लाभ
• ऋण और EMI की समझदारीपूर्ण योजना
प्रशिक्षण के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आत्मविश्वास और उत्साह देखने को मिला। अब लोग डिजिटल सेवाओं के प्रयोग में अधिक सतर्कता बरत रहे हैं और तकनीक को आत्मविश्वास के साथ अपना रहे हैं।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले लोगों ने कहा कि इस प्रकार की जानकारी उन्हें पहले कभी नहीं दी गई थी। उन्होंने आग्रह किया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को समय-समय पर दोहराया जाना चाहिए ताकि गांव-गांव में जागरूकता फैले और लोग डिजिटल ठगी से बच सकें।
इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने का श्रेय आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन को जाता है, जिसने प्रशिक्षकों के माध्यम से सरल और व्यवहारिक तरीके से जानकारी दी, ताकि सभी लोग आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में इसका प्रयोग कर सकें। संस्था के कार्यक्रम पदाधिकारी कृष्णा कुशवाहा का कहना है कि ग्रामीण भारत की डिजिटल और वित्तीय जागरूकता ही आत्मनिर्भर भारत की असली नींव है।