तमनार ब्लॉक में मनरेगा के तहत घर-घर सर्वेक्षण : ग्रामीण सशक्तिकरण और पारदर्शिता की दिशा में सकारात्मक पहल

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत एक व्यापक घर-घर सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान रोजगार सहायकों के माध्यम से संचालित हो रहा है और ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी श्री वीरेंद्र डनसेना के कुशल मार्गदर्शन और निर्देशन में यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, सामाजिक-आर्थिक विकास और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य मनरेगा के मूल सिद्धांतों को धरातल पर लागू करना और ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
सर्वेक्षण के प्रमुख उद्देश्य: ग्रामीण विकास का आधार
इस घर-घर सर्वेक्षण अभियान के उद्देश्य न केवल मनरेगा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ग्रामीण समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने और योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में भी सहायक हैं। इन उद्देश्यों को विस्तार से समझें:
1. जॉब कार्ड सत्यापन: सर्वेक्षण का प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य जॉब कार्डों का सत्यापन करना है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी पात्र परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार का लाभ मिले। जॉब कार्डों में दर्ज जानकारी की सटीकता की जांच से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जाए। यह कदम योजना के प्रति विश्वास और जवाबदेही को मजबूत करता है।
2. योजना का प्रचार-प्रसार: मनरेगा के लाभों को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार इस अभियान का एक प्रमुख लक्ष्य है। रोजगार सहायक गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को योजना के प्रावधानों, उनके अधिकारों, आवेदन प्रक्रिया और रोजगार के अवसरों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। विशेष रूप से उन परिवारों को लक्षित किया जा रहा है जो अभी तक इस योजना से अनभिज्ञ हैं या इसका लाभ नहीं उठा पाए हैं।
3. शिकायतों का त्वरित समाधान: सर्वेक्षण के दौरान ग्रामीणों की शिकायतों को सुनने और उनका तत्काल समाधान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह न केवल योजना के प्रति ग्रामीणों का भरोसा बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक प्रक्रियाओं में विश्वसनीयता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करता है। शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने से ग्रामीण समुदायों में मनरेगा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो रहा है।
4. पारदर्शिता लाना: इस सर्वेक्षण का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य मनरेगा के कार्यान्वयन में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है। जॉब कार्ड सत्यापन, कार्यों का चयन और डाटा संग्रह जैसे कदमों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना का लाभ सही व्यक्तियों तक पहुंचे। पारदर्शिता से न केवल अनियमितताओं पर अंकुश लगता है, बल्कि ग्रामीणों का विश्वास भी मजबूत होता है।
5. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (NRM) के लिए डाटा संग्रह: सर्वेक्षण के तहत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) से संबंधित कार्यों के लिए डाटा एकत्र किया जा रहा है। जल संरक्षण, वृक्षारोपण, मिट्टी संरक्षण, और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास जैसे कार्यों की योजना बनाने के लिए यह डाटा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है, बल्कि दीर्घकालिक ग्रामीण विकास के लिए भी आधार तैयार करता है।
6. वित्तीय वर्ष 2025-26 के मानव दिवस लक्ष्य की प्राप्ति: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित मानव दिवस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु इस सर्वेक्षण के माध्यम से कार्ययोजना के अनुरूप कार्यों का चयन किया जा रहा है। स्थानीय आवश्यकताओं और संसाधनों को ध्यान में रखते हुए उन परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है जो अधिकतम रोजगार सृजन और सामुदायिक विकास को सुनिश्चित करें। यह कदम ग्रामीण परिवारों को कम से कम 100 दिनों का गारंटीड रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य को साकार करने में सहायक होगा।
7. मनरेगा के अन्य उद्देश्यों की पूर्ति: यह सर्वेक्षण मनरेगा के व्यापक उद्देश्यों जैसे ग्रामीण गरीबी उन्मूलन, बेरोजगारी में कमी, सामाजिक-आर्थिक समानता, और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह अभियान ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है।

श्री वीरेंद्र डनसेना का प्रेरक नेतृत्व
ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी श्री वीरेंद्र डनसेना के कुशल नेतृत्व और समर्पण ने इस सर्वेक्षण को एक अभूतपूर्व दिशा प्रदान की है। उनके मार्गदर्शन में रोजगार सहायक ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं, जिससे योजना की पहुंच और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। श्री डनसेना ने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मनरेगा का लाभ तमनार ब्लॉक के प्रत्येक पात्र परिवार तक पहुंचे। यह सर्वेक्षण न केवल रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
ग्रामीणों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया
तमनार ब्लॉक के ग्रामीणों ने इस सर्वेक्षण अभियान की जमकर सराहना की है। स्थानीय निवासी गोपाल सिदार ने कहा, “पहली बार हमें ऐसा लग रहा है कि हमारी आवाज सुनी जा रही है। जॉब कार्ड सत्यापन और शिकायत निवारण की प्रक्रिया से हमें बहुत मदद मिली है।” एक अन्य ग्रामीण महिला, लक्ष्मी बाई, ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान उन्हें मनरेगा के तहत उपलब्ध रोजगार के अवसरों की पूरी जानकारी दी गई, जिससे अब वह नियमित रूप से कार्य प्राप्त कर पा रही हैं।
सर्वेक्षण का व्यापक प्रभाव
यह घर-घर सर्वेक्षण न केवल मनरेगा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है, बल्कि ग्रामीण समुदायों में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। पारदर्शिता, जागरूकता और शिकायत निवारण जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके यह अभियान ग्रामीणों में योजना के प्रति विश्वास को मजबूत कर रहा है। साथ ही, एनआरएम कार्यों के लिए डाटा संग्रह और कार्ययोजना का चयन ग्रामीण बुनियादी ढांचे और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।