2023 बैच के आईएएस दुर्गाप्रसाद अधिकारी होंगे घरघोड़ा के नए एसडीएम

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ सरकार ने भू-अर्जन घोटालों पर अंकुश लगाने और प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2023 बैच के आईएएस अधिकारी दुर्गाप्रसाद अधिकारी को रायगढ़ जिले के घरघोड़ा अनुविभाग का नया एसडीएम नियुक्त किया है। वर्तमान में जांजगीर-चांपा में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यरत दुर्गाप्रसाद ने फेस-2 प्रशिक्षण पूरा करने के बाद यह नई जिम्मेदारी संभाली है। उनके साथ तीन अन्य 2023 बैच के आईएएस अधिकारियों—अनुपमा आनंद (एसडीएम, सरायपाली), एम भार्गव (एसडीएम, डोंगरगढ़), और तन्मय खन्ना (एसडीएम, कटघोरा)—को भी नई पदस्थापना दी गई है।
भू-अर्जन घोटालों पर नकेल कसने की तैयारी
घरघोड़ा अनुविभाग, जहां कोयला खदानें और औद्योगिक इकाइयां हैं, लंबे समय से भू-अर्जन से जुड़े भ्रष्टाचार के लिए चर्चा में रहा है। पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया था, जिसके चलते सरकार ने अब आईएएस स्तर के अधिकारी की नियुक्ति का फैसला लिया है। पहले सारंगढ़ और घरघोड़ा जैसे अनुविभागों में आईएएस अधिकारियों को एसडीएम बनाया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में यहां राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अधिकारी तैनात थे। घरघोड़ा की एसडीएम कुर्सी कोयला खदानों और औद्योगिक गतिविधियों के कारण “हॉट सीट” मानी जाती है।
बजरमुड़ा और महाजेंको घोटाले में कार्रवाई की उम्मीद
दुर्गाप्रसाद अधिकारी की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब बजरमुड़ा घोटाले में निर्णायक कार्रवाई की तैयारी है और महाजेंको घोटाले की जांच चल रही है। उनकी तैनाती से भू-अर्जन से जुड़े नए मामले भी सामने आ सकते हैं। सरकार का यह कदम घरघोड़ा में प्रशासनिक सुधार और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आईएएस नियुक्ति से प्रशासनिक सुधार की उम्मीद
दुर्गाप्रसाद जैसे युवा और प्रशिक्षित आईएएस अधिकारी की नियुक्ति से घरघोड़ा में राजस्व कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है। परिवीक्षाधीन अवधि में सहायक कलेक्टर के बाद एसडीएम के रूप में उनकी यह पहली बड़ी जिम्मेदारी है। इससे न केवल क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि भू-अर्जन घोटालों जैसे गंभीर मुद्दों पर भी प्रभावी कार्रवाई हो सकती है।
घरघोड़ा में यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर शासन की जवाबदेही और विश्वसनीयता को भी मजबूत करेगा।