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हो गया लाखों रुपए का आहरण लेकिन  ग्राम पंचायत बुनगा वासियो को नहीं मिल रही है मुक्तिधाम का लाभ



सरपंच सचिव की मनमानी का दंश झेल रहे हैं ग्रामीण

अमरदीप चौहान/अमरखबर:पुसौर।सभी पंचायतों को हर साल गांव के विकास के लिए लाखों रुपए बजट दिया जाता है. लेकिन आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी अधिकांश गांवों में अंतिम संस्कार के लिए सुरक्षित मुक्तिधाम नहीं है

मामला जनपद पंचायत पुसौर के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत बुनगा मे तीन मुक्तिधाम बनाया गया जिसमें दो मुक्तिधाम व सह प्रतीक्षालय 15 वे वित्त की राशि व एक मुक्तिधाम व सह प्रतीक्षालय मनरेगा से बनाया गया  दो मुक्तिधाम की स्वीकृति 2019-20 में हुई  और वर्ष 2022-23 पूर्ण किया गया निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत बुनगा है और ग्राम पंचायत में बने मुक्तिधाम व सह प्रतीक्षालय की कार्य की लागत की कोई जानकारी नहीं लिखी गई है

मिली जानकारी के अनुसार मुक्तिधाम के नाम पर ग्राम पंचायत बुनगा के सरपंच श्रीमती कस्तूरी सिदार व सचिव जयकिशोर महाणा के द्वारा 2022-23 में  मुक्तिधाम के नाम पर 717,161 रूपए का आहरण किया गया  मजे की बात यह है कि इन तीनों मुक्तिधाम में दाह संस्कार के समय शव को ले जाने के लिए मार्ग तक नहीं है.

मरने के बाद भी मुसीबत

ग्राम पंचायत बुनगा स्थित डुड़ीपार मुक्तिधाम का है. यहां पर मुक्तिधाम में शव ले जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. मुक्तिधाम तक पहुंचने से नाला के ऊपर से खम्भे के सहारे शव को ऊपर से पकड़ कर पार होकर जाना पड़ता है और यह रास्ता कच्चा है जो कई सालों से ऐसे ही है. बारिश के सीजन में रास्ते पर कीचड़ हो जाता है जिससे आस पास के गांव वालों को शव ले जाते समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगल बगल खेत होने के कारण जल निकासी की समस्या है. बरसात का पानी रास्ते पर ही जमा हो जाता है जिससे पूरा रास्ता कीचड़ से भर जाता है.लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कच्ची सड़क की दुर्दशा और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तब जाकर अंतिम संस्कार होता है।

यही हालत बाकी दोनों मुक्तिधाम की भी है इन मुक्तिधामो मे भी शव ले जाते समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और साफ सफाई का आभाव के कारण समस्याएं दिन के दिन बढ़ते जा रही है और सरपंच सचिव को इन मुक्तिधामो से कोई वास्ता नहीं है सिर्फ सरपंच व सचिव अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं.

क्या कहते है ग्राम पंचायत सचिव = सिर्फ 1 मुक्तिधाम व सहप्रतीक्षालय की स्वीकृति हुई है और दो मुक्तिधाम व सहप्रतीक्षालय पुराने कार्यकाल का अधूरा पड़ा था उसे पूर्ण किया गया है और सिर्फ मुक्तिधाम के लिए राशि स्वीकृत हुई है ना की सड़क के लिए

तालाब के किनारे राशन दुकान के पास जो मुक्तिधाम व सहप्रतीक्षालय बनाया गया है उस आसपास के एरिया को ग्रामीणों के द्वारा गंदा कर दिया जा रहा था तो अभी वर्तमान में वहां दवा छिड़काव कर आने वाले मार्ग को जाली लगाकर बंद कर दिया गया

Amar Chouhan

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