हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा अटका: NTPC प्रभावित 8 गांवों के किसानों में उबाल, अब सामूहिक आंदोलन की चेतावनी

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 14 नवंबर 2025। घरघोड़ा क्षेत्र के NTPC परियोजना से प्रभावित आठ गांवों के किसानों में मुआवजा वितरण को लेकर गहरी नाराजगी है। हाई कोर्ट से स्पष्ट निर्देश मिलने के बावजूद आज तक भुगतान न होने से ग्रामीणों का सब्र टूटने लगा है। पीड़ित किसान शुक्रवार को जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि यदि अब भी समाधान नहीं हुआ, तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर रवि राही ने किसानों से विस्तार से चर्चा की और उन्हें विधिवत आवेदन प्रस्तुत कर उच्च अधिकारियों—एसडीएम, कलेक्टर, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री—को अपनी समस्या से अवगत कराने की सलाह दी। ग्रामीणों ने सलाह से सहमति जताई और शनिवार को गांव में पुनः बैठक कर सामूहिक आवेदन भेजने का निर्णय लिया।
जमीन गई, मुआवजा नहीं… किसानों की प्रशासनिक दफ्तरों में धक्के खाकर थकान
NTPC परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण हुए वर्षों बीत गए, लेकिन न तो मुआवजा राशि मिली और न ही बोनस के भुगतान का कोई स्पष्ट समाधान सामने आया है। किसान एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो चुके हैं।
न्याय की उम्मीद में उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। अदालत ने मुआवजा भुगतान का आदेश जारी किया, लेकिन आदेश के बाद भी वास्तविक भुगतान न होने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
किसानों का सवाल: “NTPC जैसी सरकारी कंपनी में ऐसी देरी, तो प्राइवेट कंपनियों में कौन हमारी सुनवाई करेगा?”
ग्रामीणों ने संवाद के दौरान एक बड़ा सवाल भी उठाया—
“जब NTPC जैसी देश की सबसे बड़ी और सरकारी कंपनी में मुआवजा प्रक्रिया इतनी धीमी और उलझी हुई है, तो निजी कंपनियों में किसानों के हक की रक्षा आखिर कैसे होगी?”
किसानों का कहना है कि सरकारी कंपनियों में भुगतान और जवाबदेही की कुछ न्यूनतम व्यवस्थाएं फिर भी होती हैं, लेकिन यदि सरकारी कंपनी के स्तर पर ही ऐसे हालात हैं, तो निजी कंपनियों के साथ भूमि-अधिग्रहण होने पर किसानों को न्याय मिलने की संभावना और भी कमजोर हो जाती है। ग्रामीणों ने इसे कृषि समुदाय के लिए एक गंभीर संकेत बताया।
प्रशासन की अपील: आंदोलन न करें, कानूनी प्रक्रिया से समाधान संभव
गतिरोध को देखते हुए कलेक्टर चतुर्वेदी ने किसानों से शांत रहकर नियमानुसार आवेदन देने की अपील की। उनके अनुसार, सरकार और प्रशासन किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन दस्तावेजी प्रक्रिया आवश्यक है।
अपर कलेक्टर रवि राही ने कहा कि सही प्रक्रिया से प्रस्तुत आवेदन उच्च स्तर पर प्रभावी ढंग से रखा जा सकता है और इससे किसानों की मांगों को जल्द सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
ग्रामीणों की अगली रणनीति तय
किसानों ने साझा निर्णय लिया कि—
रविवार को गांव स्तर पर बड़ी बैठक होगी
सामूहिक हस्ताक्षर वाला आवेदन तैयार किया जाएगा
आवेदन एसडीएम, कलेक्टर के साथ राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री तक भेजा जाएगा
यदि फिर भी समाधान नहीं मिला, तो चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट