सहकारी समिति धान घोटाला: घरघोड़ा पुलिस ने दूसरे फरार आरोपी को दबोचा, करोड़ों की गड़बड़ी में तीसरे की तलाश जारी

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 10 अक्टूबर। घरघोड़ा क्षेत्र की चर्चित करोड़ों रुपये के धान घोटाले के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। सहकारी समिति टेण्डा नावापारा में किसानों के नाम पर बोगस धान खरीदी कर भारी वित्तीय गबन करने के मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। पुलिस अब तीसरे आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।
करोड़ों की गड़बड़ी में आरोपी गिरफ्तार
थाना घरघोड़ा प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव साहू के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने गुरुवार को फरार चल रहे आरोपी मुकेश यादव (28 वर्ष) पिता सुभाष यादव निवासी पारसपाली, थाना पुसौर को रायगढ़ रोड स्थित गेरवानी के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी मुकेश यादव सहकारी समिति टेण्डा नावापारा में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। पूछताछ के दौरान उसने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने सहायक समिति प्रबंधक मनोज गुप्ता और समिति भृत्य दिलीप राठिया के साथ मिलकर किसानों के नाम पर नकली विवरण तैयार कर धान खरीदी दर्शाई तथा गबन की गई राशि में से लगभग दो लाख रुपये अपने निजी खर्च में लगा दिए।
गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, इस प्रकरण के तीसरे आरोपी दिलीप राठिया की तलाश के लिए पुलिस की टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
जांच में सामने आया करोड़ों का वित्तीय नुकसान
गौरतलब है कि यह मामला गत फरवरी माह में तब उजागर हुआ था जब 25 फरवरी 2025 को जिला खाद्य अधिकारी रायगढ़ द्वारा गठित जांच दल—खाद्य निरीक्षक और सहकारिता निरीक्षक घरघोड़ा—ने टेण्डा नावापारा स्थित धान उपार्जन केंद्र की जांच की थी। जांच में केंद्र से 7159.60 क्विंटल धान, 4108 नग खाली नया बारदाना, 426 नग मिलर बारदाना और 1854 नग पीडीएस बारदाना का अभाव पाया गया। इन वस्तुओं की अनुपलब्धता से समिति को करीब 2 करोड़ 26 लाख 62 हजार 560 रुपये की आर्थिक क्षति का अनुमान लगाया गया था।
आरोपियों की मिलीभगत से रचा गया धान घोटाला
प्रकरण की जांच के बाद अपेक्स बैंक तमनार कार्यालय के प्रार्थी विमल कुमार सिंह की रिपोर्ट पर थाना घरघोड़ा में अपराध क्रमांक 89/2025 दर्ज किया गया। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316(5), 318(4), 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सहायक समिति प्रबंधक मनोज गुप्ता, कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश यादव और समिति भृत्य दिलीप राठिया ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए, किसानों के खाते में काल्पनिक खरीदी दर्ज की और रकम का आपस में बँटवारा कर लिया।
पहले भी हुआ था एक आरोपी गिरफ्तार
इस घोटाले में पुलिस ने 8 सितंबर को मुख्य आरोपी मनोज गुप्ता को ग्राम नावापारा टेण्डा से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकारते हुए बताया था कि गबन की राशि में से अपने हिस्से का पैसा निजी उपयोग में खर्च किया। इसके बाद पुलिस ने अब दूसरे आरोपी मुकेश यादव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है।
तीसरे आरोपी की तलाश जारी
थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू ने बताया कि इस प्रकरण में तीसरे आरोपी दिलीप राठिया की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि किसी भी स्तर पर सरकारी राशि से हुई गड़बड़ी या किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।