सफलता की कहानी — झारमुडा ग्राम का पनखती तालाब बना जल–समृद्धि का आधार

पानी से प्रगति झारमुडा का पनखती तालाब बना आजीविका का मजबूत स्तंभ
ग्राम पंचायत झारमुडा,
ब्लॉक पुसौर, जिला रायगढ़
कार्य : पनखती तालाब गहरीकरण कार्य
लागत : 7.01 लाख
कार्य अवधि : 05.05.2025 से 11.11.2025
मानव दिवस : लगभग 2570
रायगढ़। ग्राम पंचायत झारमुडा, जनपद पंचायत पुसौर से लगभग 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां स्थित पनखती तालाब वर्षों से गाद जमा होने, कटाव और पानी धारण क्षमता कम होने के कारण उपयोगी नहीं रह गया था। जनपद पंचायत की तकनीकी टीम ने स्थल निरीक्षण कर तालाब के गहरीकरण एवं जीर्णोद्धार की आवश्यकता महसूस की और 7.00 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
मनरेगा के माध्यम से 2570 मानव-दिवस का सृजन करते हुए तालाब के गहरीकरण, तटबंध सुधार और आकार विस्तार का कार्य किया गया। यह कार्य ग्रामीणों की आजीविका, सिंचाई एवं जल संरक्षण सभी के लिए आधार बन गया।

झारमुडा क्षेत्र में गर्मियों में पानी का स्तर अत्यंत गिर जाता था। तालाब में पानी न रुक पाने के कारण सिंचाई प्रभावित रहती थी और आसपास के खेतों में सूखे जैसी स्थिति बन जाती थी।
तालाब का गहरीकरण न केवल जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक था, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका — सिंचाई, मछली पालन, निस्तारी एवं पशुपालन — इन सभी के लिए अत्यंत आवश्यक था। कार्यस्थल पर अत्यधिक पथरीली मिट्टी होने के कारण खुदाई में अधिक समय और श्रम लगा। बारिश पूर्व कार्य पूर्ण करने का दबाव और सीमित मजदूर शक्ति के बावजूद कार्य निरंतरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण था।
तालाब के मूल स्वरूप को संरक्षित रखते हुए क्षमता वृद्धि करना तकनीकी रूप से संवेदनशील और सावधानीपूर्ण था। तकनीकी टीम द्वारा स्थल निरीक्षण, चिन्हांकन और प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई।
ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच एवं जनपद–जिला प्रशासन की समन्वित भूमिका के साथ मनरेगा अंतर्गत कार्य शुरू किया गया। खुदाई, गाद निकासी, तटबंध सुधार, जलस्रोत की प्राकृतिक संरचना को संरक्षित करते हुए गहरीकरण कार्य किया गया।
परियोजना पूरी तरह मनरेगा के माध्यम से संचालित की गई और कार्य के दौरान स्थानीय मजदूरों को सतत रोजगार मिला। परियोजना को पूरी पारदर्शिता और ग्राम सभा की सहमति से क्रियान्वित किया गया।

ग्राम के वरिष्ठजनों और किसानों ने रोज़ाना कार्यस्थल निरीक्षण कर गुणवत्ता सुनिश्चित की।पंचायत सदस्यों ने लगातार मजदूरों को प्रोत्साहित कर कार्य को समय पर पूरा कराया। तकनीकी टीम ने सीमित संसाधनों में उत्कृष्ट योजना और मॉनिटरिंग की।
पनखती तालाब के गहरीकरण से गांव में जल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
किसानों को अब वर्षभर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलता है।
तालाब के किनारों पर मछली पालन, पशुपालन, और निस्तारी जल उपयोग जैसी गतिविधियां बढ़ी हैं।
सूखे की समस्या में बड़ी राहत मिली है और आसपास की भूमि की उत्पादकता में कई गुना वृद्धि हुई है।

तालाब का सौंदर्यकरण बढ़ने से ग्रामीणों में स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति नई जागरूकता आई है। पूर्व में गर्मियों में तालाब पूरी तरह सूख जाता था, आसपास के खेतों में सिंचाई संभव नहीं थी और जलस्तर लगातार गिर रहा था। तालाब में जमा गाद और टूटे तटबंध जलभराव में बाधक थे। गहरीकरण कार्य के बाद जल संग्रहण क्षमता कई गुना बढ़ी, गर्मियों में भी तालाब में पर्याप्त पानी उपलब्ध, क्षेत्र के लगभग सभी किसानों को सिंचाई सुविधा,कृषि उत्पादन में वृद्धि,पशुधन व निस्तारी कार्य में सहजता, गांव में जल संरक्षण का मॉडल विकसित यह परिवर्तन पूरे गांव की आजीविका, कृषि और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला साबित हुआ। पहले गर्मियों में तालाब सूख जाता था, खेतों में पानी नहीं पहुंचता था और फसल खराब होने लगती थी। अब तालाब गहरा होने से पूरे साल पानी मिलता है। सिंचाई आसान हो गई है और खेती की आय बढ़ी है। यह काम हमारे गांव के लिए बहुत बड़ा लाभ है।” झारमुडा गांव में मनरेगा से पनखती तालाब गहरीकरण कर जल स्तर बढ़ाया गया है। 7.01 लाख की लागत से किए गए इस कार्य से लगभग 2570 मानव दिवस का रोजगार मिला। तालाब के गहरीकरण से गर्मियों में पानी की समस्या समाप्त हुई, सिंचाई, मछली पालन एवं निस्तारी कार्यों में बड़ी सुविधा हुई। पहले जहां तालाब सूख जाता था, वहीं अब पूरे साल जलभराव बना रहता है। आसपास की कृषि भूमि की सिंचाई सुनिश्चित होने से किसानों की आय में वृद्धि हुई है। ग्राम पंचायत झारमुडा, तकनीकी टीम और ग्रामीणों के सहयोग से यह कार्य गांव की जल–समृद्धि, रोजगार और आत्मनिर्भरता का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आया है।