शिरडी, शनि सिंघनापुर एवं त्र्यंबकेश्वर के लिए श्रद्धालु रवाना
महापौर जीवर्धन चौहान ने दिखाई हरी झंडी, यात्रियों को वितरित किए गर्म कपड़े

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना
रायगढ़, 20 दिसम्बर 2025/
छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत आज वरिष्ठ नागरिकों, विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को महाराष्ट्र स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थलों शिरडी, शनि सिंघनापुर एवं त्र्यंबकेश्वर के दर्शन हेतु विशेष रेल यात्रा से रवाना किया गया।
नगर निगम रायगढ़ के महापौर श्री जीवर्धन चौहान ने आज दोपहर 1 बजे रायगढ़ रेलवे स्टेशन से तीर्थयात्रियों की विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर यात्रियों को शीतलहर से बचाव हेतु गर्म कपड़े (कंबल) भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में सभापति श्री डिग्रीलाल साहू एवं जिला पंचायत सदस्य सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
रायगढ़ जिले से 273 तीर्थ यात्री शामिल
उप संचालक समाज कल्याण ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तीर्थयात्रा में रायगढ़ जिले से कुल 273 यात्रियों का चयन किया गया है।
शहरी क्षेत्र से नगर पालिक निगम रायगढ़ (12), किरोड़ीमलनगर (07), खरसिया (10), पुसौर, घरघोड़ा, लैलूंगा एवं धरमजयगढ़ से 09-09 यात्री शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्र से जनपद पंचायत रायगढ़ (31), खरसिया (30), पुसौर (33), घरघोड़ा (15), तमनार (27), लैलूंगा (27) एवं धरमजयगढ़ (42) यात्री चयनित हुए हैं।
इसके अतिरिक्त जिला जशपुर से 391 तथा जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ से 116 श्रद्धालुओं सहित कुल 800 तीर्थ यात्री इस विशेष रेल यात्रा में सम्मिलित हुए हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य की विशेष व्यवस्था
यात्रियों की सुविधा एवं देखरेख हेतु समाज कल्याण विभाग रायगढ़ से नोडल अधिकारी श्री उग्रसेन पटेल, स्वास्थ्य विभाग से ग्रामीण चिकित्सा सहायक श्री राजेश कुमार साहू तथा पुलिस विभाग से प्रधान आरक्षक श्री संजय कुमार यादव सहित तीनों जिलों से कुल 20 अनुरक्षक नियुक्त किए गए हैं।
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❄️ ठंड का मौसम तीर्थदर्शन के लिए क्यों सबसे उपयुक्त?
विशेषज्ञों के अनुसार शिरडी, शनि सिंघनापुर एवं त्र्यंबकेश्वर जैसे तीर्थस्थलों के लिए ठंड का समय सबसे अनुकूल माना जाता है, इसके प्रमुख कारण हैं—
🔹 वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित: गर्मी की तुलना में ठंड में थकान, लू और डिहाइड्रेशन का खतरा कम रहता है।
🔹 लंबी पैदल यात्रा में सहूलियत: मंदिर परिसरों में कतार और पैदल चलना ठंड में अपेक्षाकृत आसान होता है।
🔹 भीड़ प्रबंधन बेहतर: सावन और गर्मियों की तुलना में सर्दियों में दर्शन व्यवस्था अधिक सुव्यवस्थित रहती है।
🔹 स्वास्थ्य जोखिम कम: हृदय, रक्तचाप और शुगर के मरीजों के लिए ठंड का मौसम अधिक अनुकूल होता है।
🔹 सरकारी व्यवस्थाओं के लिए सुगमता: यात्रा, चिकित्सा एवं सुरक्षा प्रबंधन ठंड में अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किए जा सकते हैं।
इसी कारण शासन द्वारा तीर्थदर्शन योजना की अधिकांश यात्राएं शीतकालीन अवधि में आयोजित की जाती हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित, सहज और श्रद्धाभाव के साथ दर्शन कर सकें।