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शादी का झांसा, झारखंड तक पहुंची रायगढ़ पुलिस — नाबालिग सकुशल बरामद, आरोपी असलम गिरफ्तार

🧒 शादी का झांसा देकर भगाई गई थी किशोरी, कोतवाली पुलिस ने सैकड़ों किलोमीटर दूर चल रही निकाह की तैयारी के बीच दी दबिश — आरोपी असलम चुड़ीफरोश गिरफ्तार

कोतवाली पुलिस की सटीक कार्रवाई: 20 दिन बाद झारखंड से लौटी लापता किशोरी, निकाह की तैयारी कर रहा था आरोपी


जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/शब्दमेल समाचार समूह छत्तीसगढ़।रायगढ़, 19 अक्टूबर।
रायगढ़ जिले की कोतवाली पुलिस ने शादी का प्रलोभन देकर भगाई गई नाबालिग लड़की को झारखंड से सकुशल बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
पुलिस ने जिस सूझबूझ और तत्परता से यह कार्रवाई की, उसकी पूरे जिले में सराहना की जा रही है।
आरोपी की पहचान असलम चुड़ीफरोश (उम्र 19 वर्ष, निवासी ग्राम झोतर, थाना डंडई, जिला गढ़वा, झारखंड) के रूप में हुई है। उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।




📅 घटना का सिलसिला — 26 सितंबर से लापता थी किशोरी

मामला 26 सितंबर की रात का है, जब रायगढ़ शहर की एक नाबालिग लड़की अचानक घर से लापता हो गई।
अगले दिन, यानी 27 सितंबर को पीड़िता की मां ने थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 496/2025, धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिला कि एक युवक असलम चुड़ीफरोश, जो ड्राइवर का काम करता है, बालिका के संपर्क में था और उसे बहला-फुसलाकर भगाने की योजना बनाई थी।




🚔 कोतवाली पुलिस की जांच ने बदला रुख — झारखंड तक पहुंचा सुराग

थाना प्रभारी निरीक्षक सुखनंदन पटेल ने उप निरीक्षक दिलीप बेहरा की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की।
तकनीकी जांच और मोबाइल ट्रैकिंग से यह पता चला कि आरोपी लड़की को झारखंड के गढ़वा जिले में अपने गांव झोतर ले गया है।
टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुप्त सूचना के आधार पर झारखंड में दबिश दी।

पुलिस के पहुंचने पर आरोपी निकाह की तैयारी कर रहा था।
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने लड़की को सुरक्षित बरामद किया और आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया।




🧾 बालिका के बयान में खुलासा — ‘निकाह का दबाव और शारीरिक शोषण’

रायगढ़ लौटने के बाद जब पुलिस ने बालिका से पूछताछ की, तो उसने बताया कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर झारखंड ले गया और शारीरिक शोषण किया।
इस आधार पर पुलिस ने मामले में धारा 87, 65(1) बीएनएस और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 जोड़ी।

जांच के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।




👮‍♂️ पुलिस टीम को मिली सराहना

नाबालिग की बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी में जिन अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई, उनमें —

थाना प्रभारी निरीक्षक सुखनंदन पटेल,

उप निरीक्षक दिलीप बेहरा,

आरक्षक गणेश पैंकरा, और

महिला आरक्षक कस्तुरी राठिया शामिल हैं।


पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने टीम को सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी, वहीं नगर पुलिस अधीक्षक मयंक तिवारी ने कहा —

> “ऐसे मामलों में पुलिस की तत्परता ही एक नाबालिग की जिंदगी को गलत रास्ते पर जाने से रोकती है। हर अधिकारी ने संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ काम किया।”






⚖️ एक गंभीर सामाजिक संदेश

यह घटना सिर्फ एक आपराधिक प्रकरण नहीं, बल्कि बढ़ती सामाजिक सतर्कता की आवश्यकता का संकेत है।
कम उम्र की लड़कियों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर झूठे रिश्तों के जाल में फंसाया जा रहा है।
ऐसे में परिवारों को चाहिए कि वे बच्चों के डिजिटल व्यवहार और परिचितों पर नजर रखें, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।




🧠 संपादकीय टिप्पणी

रायगढ़ पुलिस ने इस कार्रवाई से यह साबित किया है कि यदि शिकायत समय पर हो और पुलिस तत्परता दिखाए, तो राज्य की सीमाएं अपराधियों के लिए ढाल नहीं बन सकतीं।
यह मामला उस हर लड़की के लिए सबक है जिसे “शादी” के नाम पर गुमराह किया जाता है —
विश्वास की आड़ में अपराध, कानून के शिकंजे से कभी नहीं बच सकता

Amar Chouhan

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