छत्तीसगढ़: सरगुजा में आदिवासी विकास विभाग का स्मार्ट टीवी खरीदी घोटाला, भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आदिवासी विकास विभाग से जुड़ा एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग द्वारा जेम पोर्टल के माध्यम से 5 सॉलिटेयर 86 इंच डिस्प्ले इंटरएक्टिव पैनल (सीपीयू और 3 साल की वारंटी सहित) की खरीदी 49,97,500 रुपये में की गई, जिसमें प्रत्येक टीवी की कीमत 9,99,500 रुपये बताई गई है। यह खरीदी “स्मार्ट पढ़ाई” के नाम पर की गई, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल दस्तावेज और कोटेशन इस खरीदी को भ्रष्टाचार का नया आयाम बता रहे हैं।
**जेम पोर्टल पर खरीदी, बाजार मूल्य से कई गुना अधिक**
दस्तावेजों के अनुसार, यह खरीदी 2 जनवरी, 2025 को जेम पोर्टल के माध्यम से की गई। विक्रेता फर्म, **बागलामुखी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड**, कोरिया जिले के बैकुंठपुर (प्रेमाबाग रोड, जामपारा, दुर्गा मंदिर के पीछे) की है। हैरानी की बात यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल कोटेशन के अनुसार, यही सॉलिटेयर 86 इंच डिस्प्ले इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल बाजार में 1,45,000 रुपये से 1,59,990 रुपये के बीच आसानी से उपलब्ध है। फिर भी, आदिवासी विकास विभाग के कमिश्नर कार्यालय, अंबिकापुर, सरगुजा ने इसे 9,99,500 रुपये प्रति टीवी की दर से खरीदा, जो बाजार मूल्य से लगभग 6-7 गुना अधिक है।
**पहले जाग, अब स्मार्ट टीवी घोटाला**
यह पहली बार नहीं है जब सरगुजा जिले में आदिवासी विकास विभाग घोटालों की सुर्खियों में है। इससे पहले जाग खरीदी घोटाला भी चर्चा में रहा था। अब स्मार्ट टीवी खरीदी का यह मामला विभाग में हड़कंप मचा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल जेम पोर्टल की रसीद और कोटेशन के साथ यह खबर तेजी से फैल रही है, जिससे भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
**कांग्रेस का हमला, भाजपा सरकार पर सवाल**
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है और कोरबा, कोरिया, और सरगुजा क्षेत्र में इसे जोर-शोर से उठा रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार में एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं, और यह स्मार्ट टीवी खरीदी घोटाला सरकारी धन के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है। सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और यह मामला अब हाई-प्रोफाइल बन चुका है।
**भ्रष्टाचार का नया आयाम**
जेम पोर्टल, जो पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी खरीद प्रक्रिया के लिए जाना जाता है, का उपयोग कर इतनी अधिक कीमत पर टीवी खरीदना कई सवाल खड़े करता है। बाजार में उपलब्ध समान उत्पादों की कीमत की तुलना में यह खरीदी न केवल अनुचित लगती है, बल्कि यह भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग का संकेत भी देती है।

यह स्मार्ट टीवी खरीदी घोटाला छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाता है। कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को और तेज करने के साथ, यह देखना बाकी है कि सरकार इस मामले में क्या जवाब देती है और क्या इस घोटाले की जांच होगी। जनता की नजर अब इस हाई-प्रोफाइल मामले के अगले घटनाक्रम पर टिकी है।