लैलूंगा, रायगढ़: महिला पटवारी संगीता गुप्ता पर रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम लैलूंगा (रायगढ़): जिले के लैलूंगा विकासखंड में एक बार फिर रिश्वतखोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हल्का नंबर 23 की महिला पटवारी संगीता गुप्ता पर ग्रामीणों ने रिश्वत मांगने और राजस्व कार्यों में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है। कोड़केल, सुबरा और गेरूपानी जैसे गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि महीनों से राजस्व कार्य ठप पड़े हैं, और पटवारी बिना ‘सहयोग राशि’ के कोई काम करने को तैयार नहीं हैं।
**ग्रामीणों का आरोप: ‘मुस्कान के पीछे छिपा है रिश्वत का खेल’**
ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी संगीता गुप्ता महीनों तक क्षेत्र में नजर नहीं आतीं। जब वे उपलब्ध होती हैं, तो बिना रिश्वत के जमीन सीमांकन, नामांतरण या अन्य राजस्व कार्य नहीं किए जाते। जनपद सदस्य कल्पना भोय ने पटवारी पर खुलेआम रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए तहसील कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। गेरूपानी की सरपंच निर्मला एक्का ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण भूख हड़ताल और ग्राम सभा का बहिष्कार करेंगे।”
**पटवारी का जवाब: ‘फील्ड में हूं, बाद में बात करें’**
जब संवाददाता ने पटवारी संगीता गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा, “मैं अभी फील्ड में हूं, बाद में बात करें।” वहीं, राजस्व अधिकारियों ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी।
**ग्रामीणों में गुस्सा: ‘अब जवाब नहीं, कार्रवाई चाहिए’**
ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी की लापरवाही और रिश्वतखोरी से वे त्रस्त हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “हमारी जमीन के कागजात अटके हैं, लेकिन बिना पैसे दिए काम नहीं होता। यह जनता की सेवा नहीं, बल्कि लूट है।” ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है, अन्यथा वे आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
**प्रशासन पर सवाल**
यह पहला मामला नहीं है जब लैलूंगा में रिश्वतखोरी की शिकायत सामने आई हो। इससे पहले भी कई पटवारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लग चुके हैं, लेकिन कार्रवाई की सुस्त रफ्तार से ग्रामीणों का भरोसा टूट रहा है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस बार सख्त कदम उठाएगा, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
**आगे की कार्रवाई पर टिकी नजरें**
ग्रामीणों की शिकायत और सरपंच की चेतावनी के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। राजस्व विभाग ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीण अब ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मामले में अगले 15 दिनों में प्रशासन का रुख क्या होगा, यह देखना बाकी है।

*लैलूंगा से विशेष संवाददाता रोशन यादव की रिपोर्ट*
*नोट: यह खबर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की शिकायतों पर आधारित है। जांच के बाद ही आरोपों की सत्यता स्पष्ट हो सकेगी।*