लद्दाख में “Gen-Z” पढ़िए..कब, क्या,, कैसे हुआ⁉️

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम लद्दाख में “Gen-Z” (जेन-जी) से जुड़ी खबर हाल ही में पूरे देश में चर्चा का विषय रही है। 24 सितंबर 2025 को लद्दाख के लेह में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे, जिसकी जड़ में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग थी। यह आंदोलन मुख्य रूप से युवाओं और छात्रों द्वारा, सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
कब क्या हुआ?
– 10 सितंबर 2025: लद्दाख में सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल शुरू की, जिसमें राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची में शामिल करना, लोकसभा सीटों में विभाजन और स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने जैसी 4 मांगें रखी गईं।
– 24 सितंबर 2025: लेह शहर में हज़ारों युवाओं ने प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर को आग लगा दी, पुलिस और सीआरपीएफ की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की।
– हिंसा में पुलिस एवं सुरक्षाबलों समेत 70 से अधिक लोग घायल हुए, 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
– पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और फायरिंग का सहारा लिया।
– हालात बेकाबू होने के बाद लेह-लद्दाख में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
कौन शामिल था और किस पर आरोप?
– सरकार का आरोप है कि यह हिंसा सोनम वांगचुक द्वारा युवाओं को भड़काने से भड़की।
– बीजेपी ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया जबकि सोनम वांगचुक ने इसे युवाओं की स्वतःस्फूर्त “जेन-जी क्रांति” बताया और कहा कि पांच सालों से बेरोजगार युवा आक्रोशित हैं।
– विपक्षी नेताओं ने केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार बताया है, जबकि प्रशासन ने नेताओं और प्रदर्शनों को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
नतीजे और आगे की कार्रवाई
– सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत के लिए 6 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है।
– क्षेत्र में हालात अब धीरे-धीरे नियंत्रण में हैं लेकिन भारी पुलिस बल तैनात है और कई जगह कर्फ्यू जारी है।
यह घटना लद्दाख के युवाओं के आक्रोश, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और केंद्र तथा राज्य के अधिकारों को लेकर देश में जारी बहस की नई कड़ी बन गई है।