रायपुर — “छत्तीसगढ़ महतारी” की मूर्ति तोड़ी गई — पूरा घटनाक्रम, प्रतिक्रियाएँ और पुलिस कार्रवाई

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर (विशेष रिपोर्ट)। राजधानी रायपुर के VIP चौक पर स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को देर रात कुछ अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया — घटना की जानकारी सुबह होते ही इलाके में फैली और सार्वजनिक आक्रोश भड़क उठा। घटना के बाद नगर निगम के कर्मचारी और पुलिस मौके पर पहुंचे तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई।
घटना का क्रम:
रिपोर्टों के मुताबिक यह तोड़फोड़ तेलीबांधा/वीआईपी चौक के पास देर रात हुई — सुबह पर लोगों ने मूर्ति के खंडित होने की तस्वीरें और वीडियो साझा किए। घटनास्थल पर दिये गए फोटो में मूर्ति का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त और सिर/छाती का भाग अलग दिखता है; स्थानीय लोग और ग्रामीण संगठन सुबह ही मौके पर जमा हो गए। स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
प्रदर्शन और टकराव:
घटना की खबर फैलते ही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और अन्य स्थानीय संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और जमकर विरोध शुरू कर दिया। कुछ ही समय में प्रदर्शन और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और झड़पें भी हुईं — पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की और कई लोगों को रोककर हिरासत में लिया गया।
पुलिस कार्रवाई / गिरफ्तारी:
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टें बताती हैं कि पुलिस ने मामले की FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि एक आरोपी या उस घटना में संदिग्ध पकड़ा गया/गिरफ्तार किए गए हैं — मामले की प्रकृति, वीडियो/फोटो और सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच जारी है। (नोट: अलग-अलग सूचनाओं में गिरफ्तारी/निजी पहचान के दावे थोड़े बदल रहे हैं; आधिकारिक पुलिस बुलेटिन अंतिम सत्य माने।)
राजनीतिक और शासकीय प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री ने इस घटना की निन्दा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई होगी। विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ की पहचान के खिलाफ आपत्तिजनक करार दिया और तात्कालिक रूप से जिम्मेदारों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। सांस्कृतिक-धार्मिक समूहों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी और मांग की कि मूर्ति का जल्द पुनर्स्थापन हो।
प्रसंग — ‘छत्तीसगढ़ महतारी’ का सांस्कृतिक महत्व:
छत्तीसगढ़ महतारी को राज्य की अस्मिता और मातृ-संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। पिछले वर्षों में राज्य सरकार ने इस प्रतीक को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जगह देने और हर जिले में प्रतिमा लगाने का निर्णय भी लिया था — इसलिए इस तरह का कृत्य व्यापक संवेदनशीलता पैदा कर देता है। इस पृष्ठभूमि के कारण घटना ने केवल स्थानीय नहीं बल्कि राजनैतिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी हलचल मचाई है।
कायदे-कानूनी पहलू और आगे की कार्रवाई:
पुलिस ने बताया है कि संभावित आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और संदिग्धों की पहचान के लिए फुटेज, फोटो और गवाहों के बयान लिये जा रहे हैं। नगर निगम ने अस्थायी मरम्मत/कवरेज की पहल शुरू कर दी है ताकि सार्वजनिक शांति बनी रहे; साथ ही सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि और तोड़फोड़ न हो सके।