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रायगढ़ : हवाई सुविधा का सपना अब हकीकत की ओर

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम

“रायगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण की कवायद तेज : 12 साल बाद फिर जागी उम्मीद, सर्वे की रफ्तार बढ़ी”

सर्वे टीमों की तैनाती, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज — जल्द साफ होगी पूरी तस्वीर

रायगढ़। लंबे इंतजार के बाद रायगढ़ में हवाई सुविधा का सपना फिर से साकार होने की ओर बढ़ रहा है। लगभग 12 साल तक अटकी रही एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया एक बार फिर गति पकड़ चुकी है। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम रायगढ़ ने प्रभावित ग्रामों की जमीन का पुनः सर्वे शुरू करा दिया है। इसके लिए राजस्व अमले की कई टीमें तैनात कर दी गई हैं।
यह एयरपोर्ट 4C VFR कैटेगरी का होगा, जिसके तहत घरेलू उड़ानों की नियमित सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।




एयरपोर्ट निर्माण की राह में नया कदम — पुनः प्रारंभ हुआ सर्वे

प्रदेश के विमानन विभाग द्वारा 6 नवंबर को कलेक्टर को भेजे गए पत्र के बाद प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए प्रभावित गांवों का सर्वे तत्काल शुरू करवा दिया।
एसडीएम रायगढ़ ने राजस्व निरीक्षकों व पटवारियों को खसरों की सूची तैयार करने, लाल स्याही से चिह्नांकन वाले नक्शे बनाने और भूमि अधिग्रहण का प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।




12–13 साल पुरानी योजना — अब चार गुना ज्यादा खर्च

2013 में राज्य शासन ने एयरपोर्ट निर्माण हेतु 20 करोड़ रुपए जारी किए थे, जिससे भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया प्रारंभ की जानी थी।
उस समय जो लागत प्रस्तावित थी, आज वही लागत चार गुना से अधिक बढ़ चुकी है, क्योंकि—

भूमि मूल्य में भारी वृद्धि

निर्माण सामग्री महंगी

तकनीकी मानकों में बदलाव


अब इस परियोजना पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।




चार गांवों में चयनित जमीन — खरीदी–बिक्री पर रोक अब भी जारी

पूर्व में जिस भूमि का चयन किया गया था, उस पर प्रतिबंध बदस्तूर जारी है। प्रभावित गांवों की स्थिति इस प्रकार है—

गांव किसानों की संख्या जमीन (हेक्टेयर)

कोंड़ातराई 184 64
औरदा 75 29
बेलपाली 44 48
जकेला 132 86


इसके अलावा हवाई पट्टी की 23 एकड़ तथा चार गांवों की लगभग 569 एकड़ भूमि ली जानी है।
रनवे की लंबाई ढाई किमी से अधिक प्रस्तावित है, जो 4C कैटेगरी के मानक के अनुसार अनिवार्य है।




उद्योगों के गढ़ रायगढ़ को हवाई सुविधा की जरूरत क्यों?

रायगढ़ औद्योगिक दृष्टि से देश के प्रमुख जिलों में गिना जाता है। यहां आने-जाने के लिए अब तक—

रायपुर एयरपोर्ट (230 KM)

झारसुगुड़ा एयरपोर्ट (70 KM)


पर निर्भर होना पड़ता है। कई बड़े उद्योगपति, कारोबारी और अधिकारियों को लंबे समय से यहां एयरपोर्ट की मांग रही है।
स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि हवाई सुविधा से—

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

लॉजिस्टिक लागत कम होगी

मेडिकल-इमरजेंसी में तेज परिवहन संभव होगा

पर्यटन और निवेश दोनों में इजाफा होगा





परियोजना को लेकर बढ़ी उम्मीदें — प्रशासन की सक्रियता चर्चा में

कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद एसडीएम ने जिस तेजी से सर्वे कार्य शुरू कराया है, उससे जिले में उम्मीदों का नया दौर शुरू हो गया है।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि—

क्या भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया इस बार समय पर पूरी होगी?

क्या राज्य सरकार प्रोजेक्ट के लिए बढ़ी हुई लागत स्वीकृत करेगी?

और क्या 12 साल से लटके इस सपने को आखिरकार मंजिल मिलेगी?





जिले के लिए गौरव का क्षण — लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं

रायगढ़ में एयरपोर्ट बनने से जहां विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी, वहीं—

भूमि मुआवजा

पुनर्वास

पर्यावरणीय अनुमति

लागत स्वीकृति


जैसे मुद्दे परियोजना की राह में बड़ी चुनौतियां हैं।
फिर भी, जिला प्रशासन की सक्रियता और राज्य शासन का हालिया रुख देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि रायगढ़ का ‘एयरपोर्ट सपना’ अब पहले से कहीं ज्यादा करीब है।

समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान

Amar Chouhan

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