रायगढ़ में BPL राशनकार्ड घोटाला: बड़े पक्के मकान वालों के नाम भी सूची में, सत्यापन के आदेश

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीबों के लिए बनाए गए प्राथमिकता राशनकार्ड (BPL) का दुरुपयोग सामने आया है। केंद्र सरकार द्वारा डाटाबेस फिल्टर करने पर रायगढ़ जिले में 1.61 लाख संदिग्ध राशनकार्ड धारकों की सूची सामने आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें बड़े पक्के मकान वालों के नाम भी शामिल हैं, जो BPL कार्ड के लिए निर्धारित पात्रता मानदंडों में फिट नहीं बैठते। शासन ने इन सभी संदिग्ध कार्डों का सत्यापन कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बड़े पक्के मकान वालों पर सवाल
BPL राशनकार्ड के लिए पात्रता मानदंडों में स्पष्ट है कि जिनके पास बड़े पक्के मकान, 6 लाख से अधिक वार्षिक आय, 2.47 एकड़ से अधिक कृषि भूमि, या कंपनी में निदेशक पद जैसी आर्थिक स्थिति है, वे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। इसके बावजूद, रायगढ़ जिले में कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास आलीशान पक्के मकान हैं, फिर भी उनके पास BPL राशनकार्ड है। आधार नंबर से लिंक जानकारी के आधार पर यह खुलासा हुआ कि ऐसे लोग न केवल राशन ले रहे हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं।
आधार लिंक ने खोली पोल
केंद्र सरकार की ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना के तहत सभी राशनकार्ड धारकों का आधार नंबर, बैंक खाता, मोबाइल नंबर और जमीन की जानकारी लिंक की गई। ई-केवायसी के जरिए डाटाबेस को अपडेट करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रायगढ़ जिले में 1,61,084 संदिग्ध राशनकार्ड धारक पाए गए, जिनमें:
– **2367** लोग ऐसे हैं, जिनकी वार्षिक आय 6 लाख से अधिक है।
– **207** लोग कंपनी में निदेशक हैं।
– **1,58,487** लोग 2.47 एकड़ से अधिक जमीन के मालिक हैं।
– **2587** लोग एक से अधिक राज्यों में राशनकार्ड का लाभ ले रहे हैं।
– **3760** कार्ड ऐसे हैं, जिनमें 12 महीने से राशन नहीं लिया गया, और **1570** कार्ड 6 महीने से अधिक समय से निष्क्रिय हैं।
बड़े मकान वालों पर विशेष नजर
BPL राशनकार्ड के लिए पात्रता में यह भी शामिल है कि लाभार्थी का आवास कच्चा या छोटा पक्का मकान होना चाहिए। लेकिन जांच में पाया गया कि कई राशनकार्ड धारकों के पास बड़े और आलीशान पक्के मकान हैं। यह जानकारी आधार से लिंक दस्तावेजों और स्थानीय स्तर पर मिली शिकायतों से सामने आई है। शासन ने अब इन सभी संदिग्ध कार्ड धारकों के घर-घर जाकर सत्यापन करने का निर्णय लिया है।
सत्यापन के लिए टीमें गठित
जिलाधीश ने ब्लॉक और नगरीय निकाय स्तर पर सत्यापन दलों का गठन किया है। ये टीमें संदिग्ध राशनकार्ड धारकों के घर जाकर उनके आधार नंबर, दस्तावेज, और आर्थिक स्थिति का मिलान करेंगी। बड़े पक्के मकान, आय, और जमीन की जानकारी का विशेष रूप से परीक्षण किया जाएगा। पंचनामा के आधार पर अयोग्य पाए गए कार्ड धारकों के नाम हटाए जाएंगे। अब तक 10,000 कार्डों का सत्यापन पूरा हो चुका है।
खाद्य अधिकारी का बयान
खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह ने कहा, “संदिग्ध राशनकार्ड धारकों के सत्यापन के लिए टीमें गठित की गई हैं। जिले में 1.61 लाख संदेहास्पद सदस्यों की जांच चल रही है। बड़े पक्के मकान, अधिक आय, और जमीन धारकों को BPL कार्ड का लाभ नहीं मिलना चाहिए। सत्यापन के बाद कार्रवाई होगी।”
रायगढ़ जिले में BPL राशनकार्ड का दुरुपयोग न केवल गरीबों के हक को छीन रहा है, बल्कि सरकारी संसाधनों का गलत इस्तेमाल भी दर्शाता है। बड़े पक्के मकान वालों के नाम इस सूची में शामिल होना एक गंभीर मुद्दा है। शासन की सख्ती और सत्यापन प्रक्रिया से उम्मीद है कि यह अनियमितता जल्द दूर होगी और वास्तविक गरीबों तक योजना का लाभ पहुंचेगा।